Shukrawar Puja: शुक्रवार की पूजा में कौन से भोग नहीं चढ़ाने चाहिए
शुक्रवार को हिदू धर्म में शुभ दिन माना जाता है. इस दिन मां लक्ष्मी, मां संतोष, मां शीतला, मां दुर्गा और वैभव लक्ष्मी की पूजा-व्रत का विधान है. देवी शक्ति को प्रसन्न करने के लिए शुक्रवार का व्रत रखा जाता है और पूजा की जाती है.
शुक्रवार के दिन लोग देवी को प्रसन्न करने के लिए मिठाई, फल, खीर, बताशे कई तरह की चीजों का भोग लगाते हैं. लेकिन कुछ ऐसी भी चीजें हैं जिन्हें शुक्रवार के दिन भोग लगाने से बचना चाहिए, वरना आपको पूजा का फल नहीं मिलेगा.
शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की पूजा में भूलकर भी तुलसी का प्रयोग न करें. क्योंकि मां लक्ष्मी के तुलसी चढ़ाने से वो रुष्ट हो जाती हैं. इसलिए मां लक्ष्मी की पूजा में तुलसी या तुलसी की मंजरी नहीं चढ़ाई जाती है.
शुक्रवार के दिन मां संतोषी की पूजा का विधान है. लेकिन इस बात का ध्यान रखें संतोषी मां को कभी भी खट्टे फलों का भोग न लगाएं और ना ही इस दिन स्वयं खट्टी चीजों का सेवन करें. खट्टी चीजें अर्पित करने से मां नाराज हो जाती हैं.
इसके साथ ही ऐसा कोई भोग न लगाएं जोकि लहसुन-प्याज युक्त हो. लहसुन-प्याज से बना भोग तामसिक माना जाता है, जिसका पूजा-पाठ में प्रयोग नहीं किया जाता. साथ ही नमक युक्त भोग भी पूजा में नहीं चढ़ाने चाहिए.
शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी को खीर का भोग लगाया जाता है. लेकिन ध्यान रहे कि खीर शुद्ध और ताजा हो. बासी, गंधयुक्त या दूषित चीजों का भोग लगाने से पूजा निष्फल हो जाती है. इसलिए भोग लगाए जाने वाले खीर को स्नान के बाद ही शुद्ध तरीके से तैयार करें.