Shri Jagannath Temple: जगन्नाथ मंदिर में घटित घटनाएं , क्या यह कलियुग के अंत के संकेत हैं?
श्री जगन्नाथ मंदिर, पुरी भारत का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है. यह अपनी अद्भुत भव्यता और रहस्यमय भविष्यवाणियों के लिए प्रसिद्ध है. यहां हर साल लाखों श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं. यह मंदिर केवल आस्था का प्रतीक नहीं है, बल्कि भविष्य के संकेत भी देता है.
महापुरुष अच्युतानंद दास द्वारा लिखित भविष्य मालिका में कलियुग के अंत और सतयुग की शुरुआत के संकेत बताए गए हैं. इन भविष्यवाणियों के अनुसार, जब पुरी के राजा दिव्य सिंह देव चतुर्थ का शासन होगा, तब कलियुग के 5,000 वर्ष पूरे हो जाएंगे. वर्तमान में वही राजा शासन कर रहे हैं.
16 जून 1990 को मंदिर के 'आंला बेधा' से लगभग एक टन वजनी पत्थर गिरा. वैज्ञानिक भी इस रहस्यमय घटना का कारण नहीं समझ पाए. भविष्य मालिका में इस घटना का पूर्व संकेत था. इसे कलियुग के अंत की शुरुआत का प्रतीक माना गया, जिससे भक्तों में हलचल मच गई.
भविष्य मालिका में कहा गया था कि जब मंदिर की चूने की परतें गिरने लगेंगी और नील चक्र टेढ़ा हो जाएगा, तब भारत आर्थिक संकट से गुजरेगा. 1991 में भारत ने बड़ा आर्थिक संकट झेला. यह घटना भविष्यवाणी के अनुरूप हुई और लोगों ने इसे एक महत्वपूर्ण चेतावनी माना.
भविष्य मालिका में लिखा है कि जब मंदिर के 'अरुण स्तंभ' पर गिद्ध बैठेगा, तब यह कलियुग के अंत का स्पष्ट संकेत होगा. यह घटना मानवता के लिए आने वाले संकटों की चेतावनी मानी जाती है. इन संकेतों का उद्देश्य लोगों को सजग करना और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देना है.
भविष्य मालिका में कही गई कई भविष्यवाणियां समय-समय पर सच होती दिखी हैं. ये घटनाएं केवल डराने के लिए नहीं, बल्कि भक्तों को सजग करने और धर्म की ओर लौटने का संदेश देती हैं. सतर्क रहने और धर्म का पालन करने से ही आने वाले संकटों से मुक्ति संभव है.