Shiv Mantra: भोलेनाथ का ये शक्तिशाली मंत्र, जो मौत को भी टाल दे
ऋग्वेद और यजुर्वेद में भगवान शिव की स्तुती में महामृत्युंजय मंत्र का वर्णन किया है. शिवपुराण के अनुसार, इस मंत्र के जप से मनुष्य की सभी बाधाएं और परेशानियां खत्म हो जाती हैं. यहां तक की ये मृत्यु का डर भी दूर करने में मददगार है.
महा यानि महान, मृत्यु यानि मौत और जया यानि विजय। अर्थ है कि वह जो मृत्यु पर विजय प्राप्त करता है. अमरता संभव नहीं लेकिन हिंदू पौराणिक कथाओं में इसे मृत-संजीवनी मंत्र भी कहा जाता है. इससे प्रभाव से मृत्यु को कुछ समय के लिए टाला जा सकता है.
शिवपुराण के अनुसार महामृत्युंजय मंत्र के प्रताप से दीर्धायु प्राप्त होती है. इसका लाभ तभी मिलता है जब व्यक्ति पूरी श्रद्धा के साथ किया जाए. आपका ध्यान आपकी तीसरी आंख पर होना चाहिए, जिसे आज्ञा चक्र कहते हैं.
महामृत्युंजय मंत्र - ऊँ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् । उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।। मार्कण्डेय जी ने महामृत्युंजय मंत्र की रचना की है.
पौराणिक कथा के अनुसार मार्कंडेय ऋषि अल्पायु थे. वह सदा शिव जी की उपासना करते थे. जब उनकी मृत्यु निकट आई तब वह महामृत्युंजय का मंत्र जाप करते हुए शिवलिंग से लिपट गए. भोलेनाथ प्रसन्न हुए और उन्हें दीर्धायु का वरदान दिया.
जिस भी व्यक्ति को धन-सम्पत्ति पाने की इच्छा हो, उसे महामृत्युंजय मंत्र का पाठ करना चाहिए। इस मंत्र के पाठ से भगवान शिव हमेशा प्रसन्न रहते हैं