Shani Upay: शनि के दुष्प्रभावों से बचने के लिए करें ये आसान से काम, सभी परेशानियों से मिलेगा छुटकारा
ज्योतिष शास्त्र में शनि देव को कलयुग का न्यायधीश और कर्मफल दाता माना गया है. शनि की कृपा से व्यक्ति जीवन में खूब तरक्की करता है.
शनि अशुभ हो तो व्यक्ति को बहुत कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है. जानते हैं कि शनि के दुष्प्रभावों से बचने के लिए क्या काम आसानी से किए जा सकते हैं.
शनि देव की कूर दृष्टि से बचने के लिए शनिवार के दिन हनुमान चालीसा का पाठ करना अचूक उपाय माना गया है. कुंडली में ढैया या साढ़े साती हो तो आपको हनुमान चालीसा का पाठ जरूर करना चाहिए. हनुमान चालीसा का पाठ शनि के सभी कष्टों से मुक्ति दिलाता है.
शनि के कुछ मंत्र दुष्प्रभावों से बचाने में बहुत कारगर माने जाते हैं. इसके लिए आप शनिवार के दिन शनि के बीज मंत्र 'ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः!' का जाप करना बहुत फलदायी माना जाता है.
शनि का बीज मंत्र है शनि देव की क्रूर दृष्टि से बचाने और उनका आशीर्वाद पाने के लिए बहुत उपयोगी माना जाता है. 'ॐ शं शनैश्चरायै नमः!' मंत्र के जाप से भी शनि देव प्रसन्न होते हैं.
'ॐ शं नो देवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये. शं योरभि स्रवंतु नः!' यह मंत्र शनि देव की कृपा दृष्टि पाने का वैदिक मंत्र है. माना जाता है कि इस मंत्र का जाप करने से शनि महाराज कष्टों को दूर करते हैं.
शनि देव को तिल, तेल और छायापात्र दान अत्यन्त प्रिय हैं. माना जाता है कि इन चीजों का दान करने से उग्र शनि देव शांत होते हैं और शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है.
शास्त्रों के अनुसार छायापात्र दान करने से शनि देव द्वारा दिए गए सारे कष्ट दूर होते हैं. छायापात्र दान करने के लिए मिट्टी के किसी बर्तन में सरसों का तेल लेकर उसमें अपनी परछाई देखकर उसे दान कर देना चाहिए.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सात मुखी रुद्राक्ष शनि ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है. रुद्राक्ष धारण करने से शनि देव का आशीर्वाद प्राप्त होता है और शनि ग्रह से संबंधित दोष दूर होते हैं.