Shani sade sati: शनि की साढ़े साती में शरीर के इस अंग पर पड़ता है अशुभ प्रभाव, बचने के लिए करें ये उपाय
शनि देव न्याय के देवता माने गए हैं, ज्योतिष शास्त्र में शनि को सबसे धीमा चलने वाला ग्रह माना है. शनि जिस राशि में विराजमान होते हैं. उस राशि के साथ उसके एक आगे और एक पीछे राशि यानि 3 राशियों पर शनि की साढ़े साती का प्रभाव रहता है.
शनि की साढ़े साती के 3 चरण होते हैं, जिसमें व्यक्ति को मानसिक, शारीरिक और आर्थिक कष्टों से गुजरना पड़ता है. अभी कुंभ, मकर, मीन राशि पर शनि की साढ़े साती चल रही है.
शास्त्रों के अनुसार शनि साढ़े साती में हड्डी, नाभि, भुजाओं, चेहरे और आंखों पर असर पड़ता है. साढ़ेसाती के आरंभ होते ही इसका प्रथम प्रभाव 100 दिनों तक मनुष्य के चेहर परर रहता है जो बेहद कष्ट कारक होता है.
शनि देव साढ़े साती के दौरान व्यक्ति की बाईं भुजा पर जब असर डाले हैं तो वो बहुत पीड़ादायक रहता है. इस दौरान मनुष्य के निर्णय लेने की क्षमता क्षीर्ण हो जाती है. वह सही-गलत में फर्क नहीं कर पाता और परेशान रहता है.
शनि देव साढ़े साती के दौरान व्यक्ति की बाईं भुजा पर जब असर डाले हैं तो वो बहुत पीड़ादायक रहता है. इस दौरान मनुष्य के निर्णय लेने की क्षमता क्षीर्ण हो जाती है. वह सही-गलत में फर्क नहीं कर पाता और परेशान रहता है.