Shani Dev: शनि के पाए कौन कौन से होते हैं, इनका क्या फल मिलता है?
बच्चे के जन्म के समय जन्मकुंडली में चन्द्र राशि से शनि जिस भाव में स्थित होता है (कुंडली में) उसी के अनुसार उसका पाया होता है. शास्त्रों में शनि के 4 पायों का जिक्र है - सोना, चांदी, तांबा और लोहा.
सोने का पाया- शनि गोचर के समय चंद्रमा अगर 1, 6 और 11वें भाव में विराजमान है, तो सोने का पाया कहा जाता है. इसे शुभ नहीं माना जाता है.
चांदी का पाया - शनि गोचर के समय जब चंद्रमा, शनि से 2, 5 और 9 वें भाव में होता है, तो यह चांदी का पाया कहा जाता है. ज्योतिष में इसे शुभ माना गया है.
तांबे का पाया - चंद्रमा यदि शनि से 3, 7, 10वें भाव में हो तो इसे तांबे का पाया कहा जाता है. ये भी शुभ होता है.
लोहे का पाया - चंद्रमा अगर शनि से 4, 8 और 12वें भाव में विराजमान हों, तो इस स्थिति को लोहे का पाया कहा जाता है. इसे भी शुभ नहीं माना जाता
शनि के चांदी और तांबे के पाया के प्रभाव से जातक के घर में खुशियों का आगमन होगा. सुख-समृद्धि की कमी नहीं होती लेकिन लोहा - सोने का पाया जीवन में दुख देता है. सुख-सुविधाओं में कमी रहती है.