Shani Dev: शनि ग्रह से हैं पीड़ित तो बहुत काम आएंगे ये 5 रत्न, मिलेगा लाभ
ग्रहों का व्यक्ति के जीवन में विशेष प्रभाव पड़ता है. ग्रहों से शुभ फल की प्राप्ति और कुंडली में ग्रहों की स्थिति अनुकूल करने के लिए ज्योतिष में ग्रह से संबंधित रत्न बताए गए हैं, जिसे ज्योतिषीय सलाह पर धारण करने से लाभ मिलता है. जानें शनि ग्रह से शुभ फल की प्राप्ति और शनि ग्रह से पीड़ित होने पर कौन से रत्न लाभकारी होते हैं.
नीलम: संस्कृत में नीलम को इंद्रनील, तृषाग्रही, नीलमणि कहते हैं. जलनील और इंद्रनील नीलम के ही प्रकार है. इसे शनि का रत्न कहा जाता है और आमतौर पर शनि ग्रह के लिए नीलम रत्न धारण करने की ही सलाह दी जाती है.
उपरत्न: अगर आप किसी कारण नीलम पहनने में असमर्थ हैं तो आप इसके उपरत्न भी धारण कर सकते हैं. इससे भी उतना ही लाभ मिलेगा. लीलिया, जमुनिया, नीली, नीला टोपाज, लाजवर्त, सोडालाइट, तंजनाईट आदि नीलम के उपरत्न हैं.
छल्ला: शनि ग्रह से पीड़ित होने पर लोहे का छल्ला भी धारण कर सकते हैं. यह काफी कारगर माना जाता है. लोहे का छल्ला मध्यमा ऊंगली में धारण करने से शनि के साथ ही राहु-केतु के दुष्पभाव भी कम होते हैं और शनि की स्थिति मजबूत होती है.
घोड़ की नाल का छल्ला: लोहे के साथ ही घोड़े की नाल से बना छल्ला भी शनि ग्रह के लिए लाभकारी माना जाता है. घोड़े की नाल से बना छल्ला धारण करने से शनि की साढ़े साती और ढैय्या से भी राहत मिलती है.
फिरोजा: फिरोजा वैसे तो गुरु ग्रह का उपरत्न माना जाता है. लेकिन शनि की दशा को शांत करने के लिए यह रत्न लाभकारी होता है. इस रत्न को धारण करने से खतरे का आभास हो जाता है. क्योंकि व्यक्ति पर संकट आने से पहले यह रत्न चटक जाता है.