शक्तिपीठ और सिद्धपीठ में क्या है अंतर? धार्मिक दृष्टिकोण से जानें दोनों का महत्व
अंकुर अग्निहोत्री | 07 Jul 2025 07:00 AM (IST)
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हम में से ज्यादातर लोगों को यही लगता है कि शक्ति वही होती है, जहां देवी सती के अंग गिरे थे, इसी वजह से उन स्थानों को शक्तिपीठ कहा जाने लगा.
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लेकिन कुछ स्थान ऐसे भी होते हैं, जो साधु-संतों की सिद्धि प्राप्ति से दिव्य और भव्य हुए हैं.
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शक्तिपीठ उन स्थानों को कहा जाता है, जहां देवी सती के अंग गिरे थे. भारत में कुल 51 शक्तिपीठ हैं.
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वहीं दूसरी ओर सिद्धपीठ वो स्थान होते हैं, जहां साधु संतो ने घोर तपस्या से सिद्धि प्राप्त की हो. भारत में गिरनार और शिखरजी सिद्धपीठ हैं.
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एक स्थान दिव्य क्षति से प्राप्त हुआ तो शक्तिपीठ कहलाया और दूसरा स्थान दिव्य प्रयासों से प्राप्त हुआ तो सिद्धपीठ कहलाया.