Vinayak Chaturthi 2023: सावन की पहली विनायक चतुर्थी कल, इन शुभ योग में होगी गणपति की पूजा
हर महीने में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी का व्रत रखा जाता है. यह चतुर्थी भगवान गणेश को समर्पित है. इस दिन पूरे विधि विधान से गणपति की आराधना की जाती है.
सावन में अधिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 21 जुलाई को यानी कल सुबह 06 बजकर 58 मिनट से शुरू हो रही. इसका समापन 22 जुलाई को सुबह 09 बजकर 26 मिनट पर होगा. ऐसे में सावन की पहली विनायक चतुर्थी कल यानी 21 जुलाई को मनाई जाएगी.
विनायक चतुर्थी की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 05 मिनट से दोपहर 01 बजकर 50 मिनट तक है. इस दिन कई शुभ योग बनने के कारण इस दिन का महत्व और अधिक बढ़ गया है.
सावन की पहली विनायक चतुर्थी के दिन रवि योग है. इस दिन लाभ-उन्नति मुहूर्त और अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त भी है. लाभ-उन्नति मुहूर्त सुबह 10 बजकर 44 मिनट से दोपहर 12 बजकर 27 मिनट तक है.
वहीं अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 27 मिनट से शुरू होकर दोपहर 02 बजकर 10 मिनट तक रहेगा. जबकि रवि योग कल दोपहर 1 बजकर 58 मिनट से 22 जुलाई को सुबह 5 बजकर 37 मिनट तक रहेगा.
रवि योग को बहुत ही शुभ माना जाता है. इस योग में सूर्य का प्रभाव ज्यादा होता है. इसलिए इस योग को बहुत प्रभावशाली माना गया है. इस योग में कोई भी शुभ कार्य करना अच्छा माना जाता है.
रवि योग धन और वैभव को बढ़ाने वाला शुभ योग है. विनायक चतुर्थी के दिन इस शुभ योग में गणपति की आराधना से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होगी.
विनायक चतुर्थी के दिन सुबह स्नान के बाद साफ वस्त्र पहन कर भगवान गणेश के सामने प्रार्थना करते हुए पूजन का संकल्प लें. एक चौकी पर गणेश जी की मूर्ति स्थापित कर उनका जलाभिषेक करें.
बप्पा को चंदन का तिलक लगाएं, वस्त्र, कुमकुम, धूप, दीप, लाल फूल अक्षत, पान और सुपारी अर्पित करें. मोदक या लड्डू का भोग जरूर लगाएं. इससे गणपति प्रसन्न होते हैं और भक्तों के सारे विघ्न हर लेते हैं.