Sawan 2025: सावन शुरू होने वाला है, जानें आयुर्वेद अनुसार इस माह में क्या खाएं, क्या नहीं
आयुर्वेद के अनुसार, श्रावण माह विसर्ग काल में आता है यानी इस दौरान शरीर की ऊर्जा और पाचन क्षमता कमजोर होती है. पाचन संबंधी समस्याओं के कारण सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है इसलिए सावन में खान-पान का विशेष ध्यान रखना चाहिए.
सावन में बारिश चरम पर रहती है. आयुर्वेद के अनुसार वर्षा ऋतु में वात दोष का प्रकोप बढ़ जाता है, इसलिए आहार और जीवनशैली ऐसी होनी चाहिए जो असंतुलित वात दोष को संतुलित करने में सहायक हो.
सावन में तरल पदार्थ जैसे जूस, शिकंजी, शरबत और अन्य फलों का सेवन अधिक करना चाहिए.
सावन में ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करें जो हल्के और ताजे हों. जिनमें पुराने जौ, चावल और गेहूं शामिल हों. सिर्फ गर्म और ताजा पका हुआ खाना ही खाएं. कच्ची सब्जियां और सलाद न खाएं. ठंडी चीजें दही, छाछ, कढ़ी का परहेज करें.
तली-भुनी, मसालेदार चीजें व्यक्ति में आलस्य पैदा करती है और सावन में शिव भक्ति करना है तो इन चीजों का त्याग करें. इनके सेवन से पूजा-पाठ से मन भटकता हैं.
सावन में व्रत के दौरान बैगन, पालक, फूल गोबी की सब्जी का सेवन भूलकर भी न करें. इससे व्रत भंग हो सकता है.