Shani Dev: सूर्योदय में शनि देव की पूजा क्यों नहीं करना चाहिए, वजह जान ली तो कभी नहीं करेंगे ये गलती
शनि को सबसे शक्तिशाली ग्रह माना जाता है. शनि देव की शुभता व्यक्ति को रंक से राजा बना देती है लेकिन जिस पर शनि की वक्री दृष्टि पड़ जाए उसका जीवन बर्बाद हो जाता है. शनि को प्रसन्न करने के लिए शनिवार को पूजा, पाठ और कुछ उपाय करना चाहिए.
शनि देव की पूजा का सही समय सूर्यास्त के बाद माना गया है. शास्त्रों के अनुसार शनि और सूर्य एक दूसरे के शत्रु हैं. जब सूर्योदय होता है तो सूरज की किरणें शनि के पीठ पर पड़ती है. यही वजह है कि सूर्योदय के समय शनि देव कोई भी पूजा स्वीकार नहीं करते हैं.
महिलाओं को शनि देव की मूर्ति को स्पर्श नहीं करना चाहिए. स्त्रियां शनि देव को प्रसन्न करने के लिए शनि देव के मंत्रों का जाप करें या फिर शनि चालीसा का पाठ.
लाल कपड़े, लाल फल या लाल फूल शनिदेव को नहीं चढ़ाना चाहिए, क्योंकि लाल रंग की ये चीजें मंगल ग्रह से संबंधित हैं. शनि और मंगल विरोधी ग्रह हैं.
शनिदेव पश्चिम दिशा के स्वामी माने गए हैं, इसलिए इनकी पूजा करते समय या शनि मंत्रों का जाप करते समय भक्त का मुख पश्चिक दिशा में ही होना चाहिए.