Sarva Pitru Amavasya 2025: पितृ दोष से मुक्ति का अंतिम मौका, सर्व पितृ अमावस्या पर कर लें यह पांच काम
रविवार 21 सितंबर 2025 को पितृ पक्ष का अंतिम दिन है, जिसे सर्व पितृ अमावस्या के नाम से जाना जाता है. यह पितृ पक्ष का अंतिम दिन होता है, जिसमें पितृ दोष से मुक्ति के लिए पितरों के निमित्त पूजा-पाठ और श्राद्ध किए जाते हैं.
पितृ पक्ष के 15 दिनों में यदि आपने अब तक तर्पण, श्राद्ध या पिंड दान जैसी कोई क्रियाएं नहीं की तो सर्व पितृ अमावस्या पर कुछ काम कर सकते हैं. इन कामों को करने से पितृ दोष और पितरों की नाराजगी दूर होती है.
बता दें कि, 21 सितबंर 2025 को सर्व पितृ अमावस्या पर पितरों के श्राद्ध या पिंडदान के लिए कुतुप मुहूर्त दोपहर 11:50 से 12:38 तक रहेगा. जानें सर्व पितृ अमावस्या पर ऐसा क्या करें, जिससे नाराज न हों पितर.
तर्पण (Tarpan)- पितृ पक्ष के आखिरी दिन जल से पितरों का तर्पण कर उन्हें तृप्त करें, जिससे कि वे तृप्त होकर वापिस पितृ लोक लौट सकें. इस बात का विशेष ध्यान रखें कि, तर्पण करते समय कुशा का प्रयोग जरूर करें, वरना तर्पण का जल पितरों का प्राप्त नहीं होता है.
श्राद्ध (Shraddh)- सर्व पितृ अमावस्या पर ज्ञान-अज्ञात सभी पितरों का श्राद्ध किया जाता है. आप इस दिन भूले-बिसरे सभी पितरों का श्राद्ध, पिंडदान या तर्पण कर सकते हैं. साथ ही श्रद्धापूर्वक अन्न या वस्त्र का दान भी जरूर करें.
पंचबलि कर्म (Panchbali Karma)- पितृ पक्ष में पंचबलि कर्म को महत्वपूर्ण माना जाता है. इसमें भोजन बनाकर उसका अंश कौआ, गाय, कुत्ता आदि के निकाला जाता है. साथ ही ब्राह्मणों को भी भोजन कराया जाता है. मान्यता है कि पंचबलि कर्म का भोजन पितरों को प्राप्त होता है.
दीप जलाएं (Lighting Lamp)- सर्व पितृ अमावस्या ऐसा दिन होता है, जब 15 दिन धरतीलोक पर रहने के बाद पितृ वापस अपने लोक लौटते हैं. इसलिए सर्व पितृ अमावस्या की शाम दीप जलाकर घर के दक्षिण दिशा में रखना चाहिए, जिससे कि पितरों के मार्ग में अंधेरा न हो और वे पितृ लोक लौट सके.