Pongal 2024: पोंगल 14 या 15 जनवरी 2024 कब ? जानें डेट, क्यों-कैसे मनाया जाता है ये पर्व
उत्तर भारत में मकर संक्रांति तो वहीं दक्षिण भारत में पोंगल 15 जनवरी 2024 को मनाया जाएगा. पोंगल में सूर्य उपासना के अलावा खेतिहर मवेशियों, इंद्रदेव, कृषि से संबंधी वस्तुओं की पूजा की जाती है.
तमिल में पोंगल का अर्थ होता है उबालना, इस दिन सुख-समृद्धि की कामना से चावल और गुड़ को उबालकर प्रसाद बनाया जाता है और फिर इसे सूर्यदेव को अर्पित करते हैं. इसे ही पोंगल कहा जाता है. इस दिन से तमिल नववर्ष शुरू होता है.
पोंगल फसल कटाई का उत्सव है. पहला दिन भोगी पोंगल के नाम से जाना जाता है. इसमें इंद्रदेव की पूजा की जाती है और अच्छी वर्षा, सुख, समद्धि की कामना करते हैं. शाम के समय घर की पुरानी चीजों को बाहर कर जलाया जाता है.
दूसरे दिन थाई पोंगल में सूर्य के उत्तरायण होने पर सूर्य देव का आभार प्रकट किया जाता है. विशेष तरह की खीर बनाकर सूर्य को भोग लगाते हैं
तीसरे दिन मवेशियों को सजाकर उनकी पूजा की जाती है, इसे मट्टू पोंगल कहते हैं. इस दिन बैलों की दौड़ आयोजन होता है. चौथे दिन घर के मुख्य द्वार पर रंगोली बनाते हैं और एक-दूसरे के घर बधाई और मिठाई देकर इस पर्व को मनाया जाता है. इसे कन्नम पोंगल कहते हैं.