✕
  • होम
  • इंडिया
  • विश्व
  • उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड
  • बिहार
  • दिल्ली NCR
  • महाराष्ट्र
  • राजस्थान
  • मध्य प्रदेश
  • हरियाणा
  • पंजाब
  • झारखंड
  • गुजरात
  • छत्तीसगढ़
  • हिमाचल प्रदेश
  • जम्मू और कश्मीर
  • बॉलीवुड
  • ओटीटी
  • टेलीविजन
  • तमिल सिनेमा
  • भोजपुरी सिनेमा
  • मूवी रिव्यू
  • रीजनल सिनेमा
  • क्रिकेट
  • आईपीएल
  • कबड्डी
  • हॉकी
  • WWE
  • ओलिंपिक
  • धर्म
  • राशिफल
  • अंक ज्योतिष
  • वास्तु शास्त्र
  • ग्रह गोचर
  • एस्ट्रो स्पेशल
  • बिजनेस
  • हेल्थ
  • रिलेशनशिप
  • ट्रैवल
  • फ़ूड
  • पैरेंटिंग
  • फैशन
  • होम टिप्स
  • GK
  • टेक
  • ऑटो
  • ट्रेंडिंग
  • शिक्षा

Pitru Paksha 2024: पितृ पक्ष में सिर्फ इस समय ही करें श्राद्ध कर्म, नहीं तो असंतुष्ट रह जाएंगे पितर

नितिन ठाकुर, भोपाल   |  18 Sep 2024 07:29 PM (IST)
1

पंडित सौरभ गणेश शर्मा ने बताया कि धार्मिक शास्त्रों के अनुसार श्राद्ध पक्ष भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा से आश्विन कृष्ण अमावस्या तक चलता है. इसमें श्राद्ध का पहला दिन और आखिरी दिन बहुत महत्वपूर्ण माना गया है.

2

पंडित सौरभ गणेश शर्मा ने बताया कि धार्मिक शास्त्रों के अनुसार श्राद्ध पक्ष भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा से आश्विन कृष्ण अमावस्या तक चलता है. इसमें श्राद्ध का पहला दिन और आखिरी दिन बहुत महत्वपूर्ण माना गया है.

3

श्राद्ध की 16 तिथियां होती हैं, किसी भी एक तिथि में व्यक्ति की मृत्यु होती है चाहे वह कृष्ण पक्ष की तिथि हो या शुक्ल पक्ष की. श्राद्ध में जब यह तिथि आती है तो जिस तिथि में व्यक्ति की मृत्यु हुई है उस तिथि में उसका श्राद्ध करने का विधान है.

4

जिनकी मृत्यु पूर्णिमा को हुई है उनका श्राद्ध सर्व पितृ अमावस्या पर करते हैं. श्राद्धपक्ष के पहले दिन को प्रोष्ठपदी पूर्णिमा भी कहा जाता हैं, जिस तिथि पर पूर्वजों की मृत्यु हुई थी, उस तिथि पर घरों में विशेष पूजा-अर्चना के साथ नदी तालाब आदि स्थानों पर वैदिक मंत्रोच्चार के साथ तर्पण किया जाता है.

5

पितरों की शांति के लिए पितृ पक्ष में श्राद्ध वाले दिन गाय, काले कुत्ते और कौए के लिए अलग से ग्रास निकालकर उन्हें खिलाना चाहिए.

6

शास्त्रों के अनुसार पितृपक्ष में सुबह और शाम के समय देवी-देवताओं की पूजा होती है, जबकि दोपहर का समय पितरों को समर्पित होता है. इसलिए पितरों का श्राद्ध दोपहर के समय करना ही उत्तम होता है.

7

शास्त्रों के अनुसार पितृपक्ष में सुबह और शाम के समय देवी-देवताओं की पूजा होती है, जबकि दोपहर का समय पितरों को समर्पित होता है. इसलिए पितरों का श्राद्ध दोपहर के समय करना ही उत्तम होता है.

  • हिंदी न्यूज़
  • फोटो गैलरी
  • ऐस्ट्रो
  • Pitru Paksha 2024: पितृ पक्ष में सिर्फ इस समय ही करें श्राद्ध कर्म, नहीं तो असंतुष्ट रह जाएंगे पितर
About us | Advertisement| Privacy policy
© Copyright@2025.ABP Network Private Limited. All rights reserved.