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पितृ पक्ष में क्यों दिया जाता है कौवे को खास महत्व? जानिए वजह

ABP Live   |  09 Sep 2022 07:07 AM (IST)
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पितृ पक्ष की शुरुआत 10 सितंबर से होगी. पितृ पक्ष में 15 दिनों तक लोग पूर्वजों की आत्‍मा की शांति के लिए तर्पण और श्राद्ध करते हैं. माना जाता है कि इन दिनों तक पितृ पृथ्वी पर आते हैं और अपने परिजनों के बीच रहकर अन्न और जल ग्रहण करते हैं. पितृ पक्ष के दौरान कौवे का खास महत्व होता है. शास्त्रों में कौवे को यमराज का प्रतीक माना गया है. कौवे को निवाला देने के बाद पितृ संतुष्ट होते हैं.

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पितृ पक्ष में लोग अपने पितरों को पिंड दान करते हैं और पूरे आदर के साथ ब्राह्मणों को भोज कराते हैं. पितृ पक्ष में कौवों को निवाला देना बहुत शुभ माना जाता है. मान्यता है कि हमारे पूर्वज कौवों के ही रूप में धरती पर आते हैं.

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पितृ पक्ष के दौरान अगर घर के आंगन कौवा आकर बैठ जाए तो यह अच्छा संकेत माना जाता है. कौवा अगर आपका दिया हुआ भोजन कर ले तो यह बहुत शुभ होता है. यह संकेत देता है कि आपके पितृ आपसे बेहद प्रसन्न हैं.

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कौवा अगर अपने भोजन का अंश ग्रहण कर उड़ जाए तो इसका मतलब है कि आपके पूर्वज आपको ढेर सारा आशीर्वाद दे कर गए हैं.

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पितृ पक्ष में कौवे को रोज भोजन करवाना बहुत पुण्यकारी माना जाता है. मान्यता है कि इससे पितरों की कृपा होती है और सारे बिगड़े काम बनने लगते हैं.

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पितृ पक्ष के समय कौवे का विशेष महत्व होता है. अगर इन दिनों आपको कौवा नजर नहीं आता है तो आप कुत्ते या गाय को भी भोजन करा सकते हैं. इससे भी पूर्वजों का आशीर्वाद मिलता है.

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पितृपक्ष में कौवों को आमंत्रित कर उन्हें श्राद्ध का भोजन कराने की परंपरा है. कौवा श्राद्ध का भोजन ग्रहण कर लेता है, तो पितर प्रसन्न और तृप्त माने जाते हैं. कौवों के भोजन कराए बिना तर्पण अधूरा माना जाता है.

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