Hindu Dharm: मूर्ख नहीं, उल्लू है गजब का पक्षी हिंदू संस्कृति में इसका विशेष स्थान
भारत जैसे देश में उल्लू को मूर्ख के रूप में देखा जाता है. इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि जब किसी व्यक्ति को मूर्ख बताना हो तो उसे उल्लू कह देते हैं. लेकिन हिंदू धर्म में उल्लू का विशेष स्थान है और इसे धार्मिक पक्षी का दर्जा दिया गया है.
उल्लू को अच्छा न मानने के पीछे लोगों की धारणा काफी हदतक गलत भी है. क्योंकि यह मां लक्ष्मी का वाहन है और उल्लू का अपमान करना मां लक्ष्मी का अपमान करने के समान है. शास्त्रों में गहरे अवलोकन के बाद ही उल्लू को लक्ष्मी जी का वाहन बनाया गया.
वाल्मीकि रामायण में तो उल्लू को अत्यंत चतुर बताया गया है. भगवान राम जब रावण को मारने में असफल हो जाते हैं और विभीषण उनके पास आते हैं तो सुग्रीव राम जी से कहते हैं कि उनकों शत्रु की उलूक चतुराई से बचकर रहना चाहिए.
हिंदू संस्कृति के अनुसार उल्लू घर पर धन-समृद्धि लाता है. यह भी कहा जाता है कि उल्लू को भूत, भविष्य और वर्तमान में घटी या घटने वाली घटनाएं पहले से ही ज्ञात हो जाती है
उल्लू की खासियत की बात करें तो उल्लू ऐसा पक्षी है जो पंखों की फड़फड़ाहट किए बगैर मीलों उड़ सकता है और इसकी आंखों में रात में दूर तक देखनी की क्षमता होती है. साथ ही उल्लू में सुनने की क्षमता भी तीव्र होती है
ग्रीक लेखक ईसप की दंतकथाओं में उल्लु को बुद्धिमान बताया. साथ ही शेक्सपियर की रचनाओं में भी उल्लुओं का सकारात्मक संदर्भ मिलता है. अपनी बुद्धिमानी का परिचय उल्लू शिकार करते समय देते हैं. बता दें कि अंटार्कटिका को छोड़कर उल्लू हर महाद्वीप में पाए जाते हैं.