Makar Sankranti 2024: मकर संक्रांति पर चाहिए सूर्य देव की कृपा, तो भूलकर भी न करें ये काम
मकर संक्रांति विशेषकर सूर्य उपासना का पर्व है. क्योंकि इस दिन सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं. साथ ही इस दिन से सूर्य उत्तर दिशा को ओर बढ़ते हैं. इसलिए इसे सूर्य उत्तरायण कहा जाता है.
पौराणिक मान्यता है कि, मकर संक्रांति के दिन ही सूर्य अपने पुत्र शनि से मिलने उनके घर गए थे. मकर संक्रांति के दिन प्रात:काल पवित्र नदी में स्नान, तिल, गुड़, रेवड़ी आदि का सेवन, दान और पूजा-पाठ का महत्व है. लेकिन इसी के साथ मकर संक्रांति पर कुछ कामों को करना वर्जित माना जाता है. इससे भगवान सूर्य नाराज होते हैं.
मकर संक्रांति पर दान विशेष महत्व है. इसलिए मकर संक्रांति यदि घर पर कोई कुछ मांगने आए तो उसे खाली हाथ न लौटाएं. मकर संक्रांति पर तिल, गुड़, खिचड़ी, चावल या गर्म वस्त्र का दान कर सकते हैं.
मकर संक्रांति पर पेड़-पौधों की कटाई-छटाई भी नहीं करनी चाहिए. इससे जीवन में बाधाएं आती हैं. मकर संक्रांति के दिन तुलसी की पत्तियों को भी नहीं तोड़ना चाहिए.
मकर संक्रांति हिंदू धर्म का शुभ दिन होता है. इसलिए इस दिन सात्विकता का पालन करें और मांस-मदिरा से दूर रहें. तामसिक भोजन का सेवन मकर संक्रांति पर भूलकर भी करें. साथ ही प्याज-लहसुन युक्त भोजन का भी त्याग करें.
मकर संक्रांति पर स्नान जरूर करें. इस दिन बिना स्नान किए अन्न-जल ग्रहण नहीं करना चाहिए. ऐसा करना अशुभ होता है. इसलिए मकर संक्रांति पर सुबह पवित्र नदी में स्नान करें. आप घर पर भी किसी पवित्र नदी का जल नहाने के पानी में मिलाकर स्नान कर सकते हैं. इसके बाद सूर्य देव को अर्घ्य देकर ही कुछ खाएं.