श्री हरि के बाद पृथ्वी का भार कौन संभालता है?
भगवान हरि जब चार महीने के लिए निद्रा में चले जाते हैं तो, उस वक्त पृथ्वी का भार बाकी देवता मिलकर उठाते हैं.
देव श्रेणी पूर्णिमा के चार दिन बाद गुरु पूर्णिमा आती है यानी 4 दिन गुरु देवों ने संभाल लिया.
गुरु पूर्णिमा के अगले दिन सावन लग जाता है, तब एक महीने के लिए भोले नाथ पृथ्वी का भार संभालते हैं.
सावन के बाद 19 दिन का भाद्रपद लग जाता है, जिसके बाद पृथ्वी का भार श्री कृष्ण संभालते हैं.
भाद्रपद के बाद फिर आती है गणेश चतुर्थी तब 10 दिनों के लिए गणेश जी पृथ्वी का भार संभालते हैं.
गणेश चतुर्थी के बाद 16 दिन का पितृ पक्ष लगता है, जिसे पितृ देव संभालते हैं.
पितृ पक्ष के अगले दिन नवरात्री आ जाती है, जिस वजह से माता रानी 9 दिनों तक पृथ्वी का भार संभालती है.
इसके बाद आखिरी के 10 दिन पृथ्वी का भार कुबेर जी संभालते हैं.
इसके बाद आती है देव उठनी एकादशी, इस दिन भगवान निद्रा से उठ जाते है और वापस पृथ्वी का भार संभाल लेते हैं.