Karwa Chauth 2025 Puja: करवा चौथ व्रत पर करवा कितनी बार फेरा जाता है?
करवा चौथ की पूजा 10 अक्टूबर 2025 को की जाएगी. इस दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर महिलाएं सरगी करती हैं और फिर पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं. शुभ मुहूर्त मे पूजा करने के बाद रात्रि में चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत खोला जाता है.
करवा चौथ पर करवा बदलने या फेरने की विधि में सात बार करवा को घुमाया जाता है. करवा को दक्षिणावर्त घुमाते हुए महिलाएं ‘ले सुहागन ले करवा, दे सुहागन दे करवा’ कहती हैं. कई जगहों पर करवा घुमाते हुए कथा सुनी जाती है. करवा फेरने के बाद चंद्रदोय का इंतजार किया जाता है.
करवा, मिट्टी या धातु का कलश होता है. इसमें जल भरकर ढक्कन लगाकर ऊपर मठाई रखी जाती है. वहीं पूजा की थाली में रोली, अक्षत, दीपक, सिंदूर, कुमकुम, फूल और मिठाई होती है.
करवा चौथ में सात बार करवा घुमाना सात फेरों का प्रतीक माना जाता है. हर फेरे को पति की दीर्घ आयु, समृद्धि, स्वास्थ्य और वैवाहिक सुख के लिए माना जाता है.
आमतौर पर करवा चौथ की पूजा महिलाएं सामूहिक रूप से करती हैं. घर-परिवार और आस-पास की महिलाएं एकत्रित होकर पूजा करती हैं. इसमें करवा की अदला-बदली करते हुए करवा फेरा जाता है.
लेकिन अगर आप अकेली पूजा कर रही हैं या घर पर कोई अन्य महिला नहीं है तो आप मां गौरी को ही अपनी सखी मानकर उनके लिए भी एक करवा तैयार करें. इस तरह से आप एक अपने नाम की और एक मां गौरी के नाम की करवा की अदला-बदली कर सकती हैं.