Karwa Chauth 2024: करवा चौथ पर मिट्टी के करवे से क्यों दिया जाता है अर्घ्य
करवा चौथ के दिन चंद्रमा को अर्घ्य देने के लिए मिट्टी के करवे का इस्तेमाल किया जाता है. करवा शब्द का अर्थ मिट्टी का बर्तन होता है. करवा पंचतत्वों का प्रतीक है.
मिट्टी को पानी में गला कर बनाते हैं जो भूमि तत्व और जल तत्व का प्रतीक है, उसे बनाकर धूप और हवा से सुखाया जाता है जो आकाश तत्व और वायु तत्व के प्रतीक हैं फिर आग में तपाकर करवा बनाया जाता है.
इस तरह मिट्टी के करवे से पानी पिलाकर पति पत्नी अपने रिश्ते में पंच तत्व और परमात्मा दोनों को साक्षी बनाकर अपने दाम्पत्य जीवन को सुखी बनाने की कामना करते हैं.
करवा चौथ के दिन पूजा संपन्न करते समय आपकी थाली में दो करवे होना जरूरी है. इनमें से एक करवा सुहागिन महिला का होता है और दूसरे करवे से चंद्रमा को अर्घ्य देकर पति के हाथों इसी से पानी पीते हैं.
करवा चौथ के दिन पूजा के समय करवे में थोड़ा सा पानी भरें और दीपक से ढंककर एक रुपए का सिक्का रखें. इसके ऊपर लाल कपड़ा रखें. इस दिन लोग मान्यता अनुसार करवा में अलग-अलग चीजें भरकर रखते हैं. कुछ लोग करवा में गेहूं भरकर रखते हैं तो वहीं, कुछ लोग इसमें चावल या खील भी भरकर रखते हैं।
करवा चौथ की पूजा के बाद पूजा में रखा करवा और सुहाग की पूरी सामग्री बहुएं सास को देकर आशीर्वाद लेती हैं. सास न हो तो अपने से उम्र में बड़ी या मां समान परिवार की किसी अन्य सुहागिन महिला को करवा भेंट करें.