Mahakumbh 2025: पितृ दोष से महाकुंभ में कैसे पाएं छुटकारा, ये कुंडली के दोष को भी दूर करता है?
महाकुंभ 2025 का शुभारंभ 13 जनवरी को हुआ था. महाकुंभ में पहला स्नान 13 जनवरी को था और पहला शाही स्नान या अमृत स्नान मकर संक्रांति के दिन 14 जनवरी को था जिसमें लाखों श्रद्धालु स्नान करने आए थे. महाकुंभ के महापर्व की विशालता किसी से छिपी नहीं है. संगम तट पर आस्था की डुबकी लगाते श्रद्धालु हो या आम जनता से हर वर्ग और उम्र के लोग जो कुंभ स्नान करने देश-दुनिया से प्रयागराज के संगम तट पर पधारे हैं.
महाकुंभ हर 12 साल बाद प्रयागराज में आयोजित होता है. महाकुंभ की दिव्यता और वहां पर आएं लोगों की आस्था दिल को छू लेने वाली होती है. इस साल करोड़ों लोगों के कुंभ स्नान करने का दावा किया गया है.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार महाकुंभ में स्नान करने से आपको सारे पापों का नाश होता है और आपको मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है. इसलिए पूरे जीवनकाल में एक बार मनुष्य को कुंभ स्नान करना चाहिए.
144 साल बाद लगने वाले इस कुंभ मेले को बहुत ही खास माना जाता है. प्रयागराज में संगम में लाखों श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने भी पहुंच रहे हैं. ऐसे में यदि आप पितृ दोष से पीड़ित हैं तो महांकुभ में ये उपाय कर सकते हैं.
जानतें हैं क्या महाकुंभ में स्नान करने और विशेष पूजा कराने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है. मान्यता अनुसार यदि पितृ नाराज हो जाएं, तो ऐसे में जातक की कुंडली में पितृ दोष लग सकता है. इससे उस व्यक्ति को जीवन में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. ऐसे में महाकुंभ पितृ दोष के मुक्ति पाने का भी एक बेहतर तरीका है. ऐसे में यदि आप महाकुंभ जाने का मन बना रहे हैं, तो इसके लिए वहां पितृ दोष से मुक्ति के लिए भी कुछ उपाय कर सकते हैं.
पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए आप प्रयागराज में संगम तट के किनारे गंगा स्नान के बाद श्राद्ध कर्म कर सकते है. ऐसा करने से आपको पितृ दोष से मुक्ति मिलती है. वहीं पितृ दोष से मुक्ति के लिए महाकुंभ में स्नान करने के दौरान थोड़ा-सा गंगाजल हाथ में लें और पितरों को इसे अर्पित कर प्रणाम करें.