Kashi Vishwanath Mandir: काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग की उत्पत्ति कैसे हुई?
काशी विश्वनाथ 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है. जो काशी में पवित्र गंगा नदी के पश्चिमी तट पर स्थित है.
सावन में शिव जी के ज्योतिर्लिंगों और मंदिरों में दर्शन-पूजन करने का विशेष महत्व है. 12 ज्योतिर्लिंगों में सातवें नंबर पर है काशी विश्वनाथ. ये मंदिर उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थापित है.
भगवान शिव पार्वती मां के कहने पर उन्हें शादी के बाद कैलाश के लेकर काशी आ गए. काशी में आने के बाद वहं विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग के रुप में स्थापित हो गए.
बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी त्रिशूल की नोक पर बसी है. काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग सभी 12 ज्योतिर्लिंगों में सबसे पवित्र है, जिन्हें ब्रह्मांड का भगवान कहा जाता है.
पुराणों के मुताबिक भगवान विष्णु की काशी थी.विष्णु जी ने अपने आनंदाश्रु से यहां बिंदु सरोवर बनाया था, लगभग पचास हज़ार सालों तक यहां तपस्या की थी. इसके बाद, भगवान शिव को काशी इतनी अच्छी लगी कि उन्होंने इसे विष्णु से अपने निवास के लिए मांग लिया.
इस पावन ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने के लिए भक्त दूर-दूर से यहां आते हैं और भगवान विश्वेश्वर यानि विश्व के शासक भोलेनाथ का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं.