✕
  • होम
  • इंडिया
  • विश्व
  • उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड
  • बिहार
  • दिल्ली NCR
  • महाराष्ट्र
  • राजस्थान
  • मध्य प्रदेश
  • हरियाणा
  • पंजाब
  • झारखंड
  • गुजरात
  • छत्तीसगढ़
  • हिमाचल प्रदेश
  • जम्मू और कश्मीर
  • बॉलीवुड
  • ओटीटी
  • टेलीविजन
  • तमिल सिनेमा
  • भोजपुरी सिनेमा
  • मूवी रिव्यू
  • रीजनल सिनेमा
  • क्रिकेट
  • आईपीएल
  • कबड्डी
  • हॉकी
  • WWE
  • ओलिंपिक
  • धर्म
  • राशिफल
  • अंक ज्योतिष
  • वास्तु शास्त्र
  • ग्रह गोचर
  • एस्ट्रो स्पेशल
  • बिजनेस
  • हेल्थ
  • रिलेशनशिप
  • ट्रैवल
  • फ़ूड
  • पैरेंटिंग
  • फैशन
  • होम टिप्स
  • GK
  • टेक
  • ऑटो
  • ट्रेंडिंग
  • शिक्षा

Guru Nanak Dev Ji: सिखों के पहले गुरू गुरू नानक देव जी ने की थी लंगर की शुरुआत, जानें इसका महत्व और इतिहास

एबीपी लाइव   |  20 Nov 2023 08:20 PM (IST)
1

लंगर जिसका अर्थ है एक ऐसी जगह जहां सब एक सामान और एक साथ आकार भोजन करते हैं. इसमें अपनी सामाजिक स्थिति और धार्मिक चीजों को भूल कर जब आप एक साथ आकर भोजन करते हैं उसे लंगर कहते हैं.

2

सिखों के पहले गुरू गुरू नानक देव जी ने लंगर की शुरुआत की थी. 15वीं में गुरूनानक देव जी ने ऊंच-नीच और जात पात और अंधविश्वास को खत्म करने के लिए लंगर को शुरु किया.

3

लंगर के दौरान सभी श्राद्धालु एक साथ जमीन पर बैठ कर भोजन खाते. गुरूनानक देव जी ने खुद इसकी शुरुवात की और संगत के साथ बैठ कर लंगर खाया.

4

मान्याताओं की मानें तो गुरू नानक देव जी को एक बार उनके पिता ने व्यापार के लिए पैसे दिए लेकिन उन्होंने व्यापार ना करके भूखे साधु और संतों को भोजन करवाया और कंबल भी दिए थे.

5

गुरू नानक देव द्वारा शुरु की गई लंगर की प्रथा आज भी कायम है. लोग आज भी गुरूद्वारों में जाकर लंगर चखते हैं.

  • हिंदी न्यूज़
  • फोटो गैलरी
  • ऐस्ट्रो
  • Guru Nanak Dev Ji: सिखों के पहले गुरू गुरू नानक देव जी ने की थी लंगर की शुरुआत, जानें इसका महत्व और इतिहास
About us | Advertisement| Privacy policy
© Copyright@2025.ABP Network Private Limited. All rights reserved.