Good Values: जैसी करनी वैसी भरनी, या नेकी कर दरिया में डाल...जीवन में ये किस बात की शिक्षा देते हैं?
जिंदगी में हम जैसा करते हैं वैसा ही फल भी भोगते हैं. जैसी करनी, वैसी भरनी का अर्थ भी यही है. हम जैसा काम करेंगे, उसका परिणाम भी वैसा ही मिलेगा. जैसे बुरे कर्म करने वालों को कभी सुख नहीं मिलता. वैसे ही अच्छा करने वालों पर कभी दुख के बादल नहीं मंडराते.
इसी की तरह एक कहावत और है बुरे काम का बुरा नतीजा. रावण ने सीता जी का हरण कर पाप किया था जिसका परिणाम ये हुआ कि वह श्रीराम के हाथों मारा गया.
ये मुहावरा में शिक्षा देता है कि बुराई का हमेशा अंत ही होता है. वहीं जो सच्चा होता है उसकी जीत एक न एक दिन जरुर होती है. इसलिए हमेशा नन, वचन और कर्म से अच्छा व्यवहार करें.
नेकी कर दरिया में डाल इस मुहावरे का मतलब है भलाई करके भुला देना. पुरस्कार या शाबाशी पाने के लिए कर्म नहीं करना चाहिए.
नेकी का अर्थ है किसी का भला करना और सहायता निस्वार्थ भाव से ही करना चाहिए. कुछ पाने की चाह में नहीं.
वहीं दरिया में डालने से तात्पर्य है. जब भी हम कोई चीज बहती नदी में डाल देते हैं तो वो उसे बहाकर अपने साथ ले जाती है. वहीं तालाब या किसी ठहरे पानी में डालेंगे तो वो वहीं टिका रहेगा. नजर आता रहेगा और अपने अस्तित्व की याद दिलाता रहेगा. किसी पर उपकार कर भूल जाना चाहिए. नहीं तो आपके अच्छे कर्म का कोई मतलब नहीं.