Garuda Purana: जैसा कर्म वैसा अगला जन्म, जानें अगले जन्म में किस रूप में पैदा होंगे आप
गुरुड़ पुराण में बताया गया है कि व्यक्ति के कर्मों के अनुसार ही उसका अगला जन्म तय होता है. पाप कर्म करने वाले कई सालों तक नरक भोगते हैं और फिर दोबारा कुयोनि में जन्म लेकर मृत्युलोक जाते हैं. इसी तरह स्वर्ग लोक प्राप्त करने वाली जीवात्मा के सदकर्मों का प्रभाव खत्म होने पर उन्हें भूलोक लौटना पड़ता है. ऐसे लोग श्रेष्ठ योनि में जन्म लेते हैं.
पुराणों में बताया है कि धोखेबाज, कपटी और अपने हित के लिए छल करने वालों को अगला जन्म उल्लू का मिलता है. पशु-पक्षियों को परेशान करने वाले व्यक्ति अगले जन्म में कसाई हत्थे चढ़ने वाला बकरा बनते हैं.
माता-पिता या किसी अपने का दिल दुखाने वाले, उन्हें प्रताड़ित करने वालों को अगला जन्म जरुर मिलता है, लेकिन पैदा होने से पहले ही गर्भ में उनकी मृत्यु हो जाती है.
गौ हत्या, भूर्ण हत्या, महिलाओं की हत्या करना महापाप माना गया है. ऐसा करने वालों को अगले जन्म में चांडाल योनि प्राप्त होती है.
स्त्रियों का शोषण, उनके दुराचार करने वाले अगले जन्म में कुष्ठ रोगी बनते हैं. वहीं गुरु का निरादर करने वाला व्यक्ति अगले जन्म में नरभक्षी के रूप में पैदा होता है. जिसे जन्म से मृत्यु तक कई तरह के कष्ट झेलने पड़ते हैं.
अन्न की चोरी करनेवाला चूहा, जल की चोरी करनेवाला चातक, शहद चुरानेवाला मधुमक्खी बनता है.