Garud Puran: मृतक के किस-किस रिश्तेदार को मुंडन करवाना चाहिए ?
गरुड़ पुराण के अनुसार, माता-पिता या परिवार के किसी भी सदस्य की मृत्यु के बाद सिर मुंडवाया जाता है. मृत्यु के बाद यह सूतक का एक आवश्यक नियम माना जाता है. बाल देना का अधिकार सिर्फ पुरुषों को ही है.
अंतिम संस्कार के दौरान मुखाग्नि देने वाला शख्स अपना मुंडन करवाता है. फिर कुछ दिनों बाद परिवार के अन्य सदस्य भी मुंडन करवा कर अपने बाल त्यागते हैं.
गरुड़ पुराण के अनुसार मृतक के पिता, भाई, बेटा, पोता को सूतक में बाल देना चाहिए. ये मृत व्यक्ति के प्रति श्रद्धा और सम्मान प्रकट करने का जरिया माना गया है.
दरअसल बाल को गर्व और अहंकार का प्रतीक माना जाता है, परिवारजन की मृत्यु के बाद बाल देना मृत आत्मा के प्रति समर्पण दिखाता है. गरुड़ पुराण के अनुसार सिर मुंडा देने से पाप नष्ट हो जाते हैं.
वहीं माना जाता है कि शोक के समय बाल अशुद्ध हो जाते हैं, जिन्हें हटाकर परिवार खुद को शुद्ध करता है. यह शारीरिक और मानसिक शुद्धि का माध्यम है.
एक कारण ये भी है कि मृत्यु के बाद मृत शरीर को जब शमसान ले जाया जाता है तब वहां जब देह को जलाया जाता है, तो उसमें से भी कुछ हानिकारक जीवाणु हमारे शरीर, बाल पर चिपक जाते हैं. सिर में चिपके इन जीवाणुओं को पूरी तरह निकालने के लिए ही मुंडन कराया जाता है.