Exam Tips: प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता दिलाता है ये ग्रह, खराब हो तो लंबा चलता है संघर्ष
कठिन परिश्रम के बाद भी प्रतियोगी परीक्षा में यदि सफलता न मिले तो युवा परीक्षार्थी हताश और निराश हो जाते हैं. अगर आपके साथ भी ऐसा हो रहा है तो पहले ग्रहों की स्थिति जांच लें और उन्हें शुभ बनाने के उपाय करें.
ज्योतिष के अनुसार देवगुरु बृहस्पति को परीक्षा क्षेत्र में सफलता के लिए महत्वपूर्ण माना गया है. ऐसे में उच्च शिक्षा प्राप्त करने, प्रतियोगी परीक्षा में सफलता हासिल करने और प्रशासनिक सेवाओं से जुड़ी परीक्षा से लेकर उच्च पद की प्राप्ति में गुरु की अहम भूमिका होती है.
गुरु ग्रह को ज्ञान का कारक माना जाता है. जब कुंडली में गुरु कमजोर या अशुभ होते हैं तो ऐसे में परीक्षार्थी का मन पढ़ाई में नहीं लगता और शिक्षा क्षेत्र में तमाम तरह की अड़चने आती हैं.
किसी जातक की कुंडली में यदि गुरु ग्रह की स्थिति मजबूत हो तो उसे प्रतियोगी परीक्षा के क्षेत्र में जबरदस्त सफलता मिलती है और उसका करियर चमक जाता है. लेकिन कुंडली में गुरु के कमजोर होने पर प्रतियोगी परीक्षा में सफलता नहीं मिलती और इसके लिए सालों संघर्ष करना पड़ता है.
प्रतियोगी परीक्षा क्षेत्र में सफलता के लिए आपको गुरु की अशुभता दूर करने से जुड़े उपाय करने चाहिए. इसके लिए आप गुरुवार का व्रत रखें, गुरु मंत्र का जाप करें, पानी में चुटकी भर हल्दी मिलाकर स्नान करें और सबसे जरूर अपने गुरु,शिक्षक और माता-पिता के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लें.
गुरु दोष निवारण के लिए आप ज्योतिष की सलाह से सुनेला रत्न भी धारण कर सकते हैं. वहीं गुरु की कृपा के लिए गुरुवार के दिन केले का पौधा लगाकर इसकी सेवा करें.