Chhath Puja 2023: छठ पूजा के पीछे की कहानी क्या है?, जानें इसका पौराणिक महत्व
छठ पूजा मुख्य तौर से बिहार में मनाया जाती है. लेकिन अब छठ का पर्व देश के अलग-अलग कोनों में भी मनाया जाता है.
छठ पूजा की शुरुआत सूर्य पुत्र कर्ण ने की थी. कर्ण भगवान सूर्य के परम भक्त थे.
छठ पूजा की शुरुआत बिहार के मुंगेर से हुई थी. कुछ प्रचलित कथाओं से इस बारे में पता चलता है. इतिहास बिहार से जुड़ा है. द्रौपदी ने अपने पति के अच्छे स्वास्थ्य और बेहतर जीवन के लिए छठ का व्रत रखा था.
जब पांडव सारा राजपाठ जुए में हार गए, तब द्रौपदी ने छठ व्रत रखा था. इस व्रत से उनकी मनोकामना पूरी हुई थी और पांडवों को सब कुछ वापस मिल गया. इस व्रत में द्रौपदी ने सूर्य पूजा और छठी मैईया की आराधना की.
इसे के साथ भगवान श्रीराम और माता सीता ने रामराज्य की स्थापना के लिए कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी को उपवास रखा था और सूर्य देव की पूजा की थी. इसीलिए छठ के इस पर्व को माताएं और सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबही उम्र और अपने बच्चों को अच्छे स्वास्थ्य के लिए रखती है.