Chaturmas 2023: चातुर्मास में भूल से भी न खाएं ये 5 चीजें, सेहत के साथ सुख-समृद्धि पर पड़ेगा बुरा असर
चातुर्मास 29 जून से 23 नवंबर 2023 तक रहेगा. इस साल अधिकमास होने से चातुर्मास 5 महीने का होगा. ये पांच महीने सावन, अधिकमास, भाद्रपद, अश्विन और कार्तिक.
पत्तेदार सब्जी - चातुर्मास में हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे मैथी, पालक, बथुआ नहीं खाना चाहिए. चातुर्मास के पहले माह सावन से बारिश शुरू हो जाती है वातावरण अशुद्ध हो जाता है, पत्तेदार सब्जियों में बैक्टीरियां लग जाते हैं. इनके सेवन से पेट और त्वचा संबंधी परेशानी होने लगती है.
बैंगन-मूली - शास्त्रों में बैंगन को बै-गुण माना गया है जो बादी करती है. वही सावन, भादो और अश्विन में मूली का परहेज करें. मूली की तासीर ठंडी होती है ऐसे में चातुर्मास के समय इन चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए. करेला, कंद, और शहद भी न खाएं.
दूध-दही - भाद्रपद श्रीकृष्ण का महीना बताया गया है. इसमें दही, दूध का सेवन न करें. भादो में अधिक बारिश के कारण दूध में कीड़े जाने की आशंका बढ़ जाती है, जो सेहत पर बुरा असर डाल सकती है.
मसालेदार भोजन - चातुर्मास में सिर्फ एक समय भोजन करना श्रेष्ठ माना गया है. चातुर्मास के समय पाचन शक्ति कमजोर होने के साथ-साथ पानी के दूषित होने की संभावनाएं भी बढ़ जाती हैं. इस दौरान मसालेदार भोजन न करें. तली हुई चीजों का परहेज करें.
ये चीजें भूल से भी न खाएं - सावन में भोलेनाथ, भादो में कृष्ण, अश्विन में देवी दुर्गा और कार्तिक में विष्णु जी की पूजा का विधान है. ऐसे में इस दौरान भूल से भी तामसिक भोजन, लहसुन-प्याज, मदिरा का पान न करें. मान्यता है इससे जीवन संकटों से घिर जाता है. पूजा-पाठ का फल नहीं मिलता और आर्थिक हानि होती है.