Chanakya Niti: जीवन की ये 1 गलती है महापाप के बराबर, नहीं मिलती इसकी माफी
चाणक्य नीति कहती है कि जो शब्दों के तीर हथियार से ज्यादा व्यक्ति को चोट पहुंचाते हैं. क्योंकि ये घाव मन पर लगते हैं जो सालों साल चुभते हैं.
चाणक्य के अनुसार जो व्यक्ति अपने माता पिता का निरादर करता है, उन्हें अपशब्द कहता है उनके लिए बुरे विचार रखता है उससे बड़ा पापी कोई नहीं. माता-पिता को ईश्वर का दर्जा दिया है, भगवान का अपमान माफी के लायक नहीं होता.
माता-पिता का अपमान करना सबसे बड़े पाप की श्रेणी में आता है. जिसकी कभी माफी नहीं मिलती. पैरेंट्स का दिल दुखाने पर ईश्वर भी वो दंड देते हैं जो आजीवन कष्ट देता है.
चाणक्य के अनुसार माता पिता के लिए बोलने से पहले अच्छी तरह सोच विचार कर लें, क्योंकि एक बार कहे हुए शब्द वापस नहीं लिए जाते. ऐसा न करने वाला व्यक्ति सदा परेशान रहता है.
बच्चों और माता पिता के रिश्ते में क्रोध और अहंकार की जगह नहीं होती, क्योंकि ये रिश्तों को समाप्त कर देता है. चाणक्य के अनुसार जो व्यक्ति अपने माता-पिता की निंदा करते हैं उन्हें आजीवन कष्ट भोगना पड़ता है, मृत्यु के बाद भी मोक्ष की प्राप्ति नहीं होती.
चाणक्य नीति के अनुसार जिस माता-पिता की संतान बुरी संगत में फंस जाती है और गलत आचरण में लिप्त हो जाती है ऐसी संतान बुद्धिहीन हो जाती है.