Chakravyuh: महाभारत में चक्रव्यूह का ज्ञान किस-किस को था ?
युद्ध लड़ने के लिए पक्ष या विपक्ष अपने अनुसार व्यूह रचना करते थे. व्यूहरचना अर्थात किस तरह से सैनिकों को युद्ध के लिए इस्तेमाल किया जाए. इसमें चक्रव्यूह एक बहुस्तरीय रक्षात्मक सैन्य संरचना है, जिसका उपयोग किसी बड़े योद्धा को चारों तरफ से घेरने के लिए किया जाता है.
आसमान से देखने पर चक्रव्यूह एक घूमते हुए चक्र के समान सैन्य रचना दिखाई देती है. इस चक्रव्यूह को देखने पर इसमें अंदर जाने का रास्त तो नजर आता है लेकिन बाहर निकलने का नहीं.
महाभारत में पांडवों पर वार करने के लिए चक्रव्यूह की रचना द्रोणाचार्य ने की थी. इस चक्रव्यूह का ज्ञान सिर्फ द्रोण, अर्जुन, कृष्ण, अभिमन्यु और प्रद्युम्न को ही था.
चक्रव्यूह की रचना कर द्रोण युधिष्ठिर को बंदी बनाना चाहते थे लेकिन युधिष्ठिर की रक्षा के लिए अभिमन्यु चक्रव्यूह में फंस गए क्योंकि अभिमन्यु चक्रव्यूह भेदना जानते थे लेकिन उसमें से बाहर निकलने का रास्त उन्हें नहीं पता था. यही वजह है कि चक्रव्यूह में फंसकर अभिमन्यु मारे गए.
अभिमन्यु ने मां के गर्भ में ही चक्रव्यूह का ज्ञान प्राप्त कर लिया था. जब अभिमन्यु अर्जुन की पत्नी सुभद्रा के पेट में पल रहा था, तब अर्जुन सुभद्रा को चक्रव्यूह तोड़ना समझा रहे थे तभी कृष्ण वहां आ गए और अर्जुन को अपने साथ ले गए.
ऐसे में अभिमन्यु चक्रव्यूह में केवल प्रवेश करना सीख पाए, लेकिन उससे बाहर कैसे निकलना है, यह नहीं सीख सके.