Chaitra Navratri 2023: अष्टमी और नवमी के दिन भूलकर भी ना करें ये काम, माता रानी हो जाएंगी नाराज
चैत्र नवरात्रि की अष्टमी 29 मार्च को और नवमी 30 मार्च को मनाई जाएगी. अष्टमी के दिन मां महागौरी जबकि नवमी के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है.
नवरात्रि में अष्टमी और नवमी दोनों दिन का विशेष महत्व होता है. इन दोनों दिन कन्या पूजन और हवन आदि किए जाते हैं. अष्टमी और नवमी के दिन कई नियमों का पालन करना जरूरी होता है. आइए जानते हैं कि इन दोनों दिन कौन से काम नहीं करने चाहिए.
इन दोनों दिनों में देर तक सोने से बचना चाहिए. इस दिन सुबह जल्दी स्नान करके माता रानी का पाठ करें. यदि व्रत नहीं भी रखा है तो भी जल्दी स्नान करके पूजा अवश्य करें.
महानवमी के दिन काले रंग के कपड़े ना पहनें. इस दिन बैंगनी या जामुनी रंग पहनना शुभ होता है. यह रंग मां सिद्धिदात्री को प्रिय है. इसलिए इसी रंग के कपड़े पहन कर मां की पूजा करें.
मां महागौरी और सिद्धिदात्री की पूजा पूरे तन और मन के साथ करनी चाहिए. पूरे भक्तिभाव से दुर्गा चालीसा और दुर्गा सप्तशती का पाठ करें. इस दौरान मन बिल्कुल केंद्रित होना चाहिए. पूजा के दौरान किसी से बाते ना करें.
अष्टमी या फिर महानवमी के दिन हवन-पूजन जरूर करना चाहिए. इसके बिना नवरात्रि के पूजा-पाठ अधूरे माने जाते हैं. हवन के दौरान इस बात का विशेष ध्यान रखें कि हवन सामग्री कुंड के बाहर ना गिरे.
अष्टमी का व्रत रखा है तो महानवमी के दिन कन्या पूजन और उन्हें विदा करने के बाद ही व्रत का विधिवत पारण करें. इससे माता रानी का आशीर्वाद मिलता है.
नवमी के दिन कोई भी नया काम करने की मनाही होती है. मान्यताओं के मुताबिक नवमी खाली तिथि होती है. मतलब ये है कि इस दिन किए गए कार्यों में सफलता नहीं मिलती है.
नवमी के दिन लौकी का सेवन नहीं करना चाहिए. अगर अष्टमी का व्रत रखा है तो महानवमी के दिन पारण में हलवा पूरी और चने से ही व्रत खोलना चाहिए.