Budhwar ke Upay: दूर्वा घास चढ़ाने से क्या होता है, गणेश जी को ये क्यों प्रिय है?
बुधवार का दिन भगवान गणेश की पूजा के लिए सबसे उत्तम माना जाता है और इस दिन भक्तगण गणपति की पूजा-अराधना करते हैं. साथ ही भगवान गणेश को प्रसन्न कर उनका आशीर्वाद पाने के लिए लोग इस दिन उनकी प्रिय चीजें भी अर्पित करते हैं.
देवी-देवताओं की पूजा में विशेष तरह की फूल-पत्तियां चढ़ाई जाती हैं. जिस तरह भगवान विष्णु की पूजा में तुलसी और शिवजी की पूजा बेलपत्र और शनि देव को शमी के पत्ते चढ़ाने का विधान है. उसी तरह भगवान गणेश की पूजा दूर्वा घास के बिना अधूरी मानी जाती है.
मान्यता है कि बुधवार के दिन या भगवान गणेश की किसी भी पूजा में उन्हें दूर्वा की 21 गाठें जरूर अर्पित करनी चाहिए, इससे मनोकामना पूरी होती है. आइये जानते हैं आखिर क्यों भगवान गणेश को दूर्वा इतना पसंद है.
पौराणिक कथा के अनुसार एक बार गणेश ने साधु-संतों की रक्षा के लिए अनलासुर नामक राक्षस को निकल लिया था, जिसके बाद उनके पेट में तीव्र जलन होने लगी. तब कश्यप ऋषि ने उनके भीतर के तप को शांत करने के लिए 21 दूर्वा घास खाने को दिया.
दूर्वा घास खाते ही भगवन गणेश के पेट के भीतक की जलन शांत हो गई. इसके बाद से भी दूर्वा भगवान गणेश को प्रिय हो गया और उनकी सभी पूजा में दूर्वा घास चढाने का विधान है.
लेकिन भगवान गणेश को पूजा में दूर्वा अर्पित करते समय कुछ बातों का ध्यान रखें, जैसे-दूर्वा साफ-सुथरे जगह, मंदिर के प्रांगण या फिर घर के बगीचे आदि से ही तोड़े, दूर्वा तोड़ने के बाद इसे पानी से अच्छी तरह से साफ कर लें.