Badrinath Dham: बद्रीनाथ धाम के कपाट हुए बंद, जानें अब कहां होंगे दर्शन
मंगलवार 25 नवंबर को दोपहर 2 बजकर 56 मिनट पर विधि-विधान से पूजा और मंत्रोच्चार के बाद बद्रीनाथ के कपाट बंद शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं.
हर साल की तरह इस साल भी परंपरा के अनसार, बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद अगले छह महीने भगवान बद्रीविशाल की पूजा जोशीमठ स्थित नरसिंह मंदिर में होगी.
हिमालय की ऊंची पहाड़ियों में शीतकाल बेहद कठोर होता है. भारी बर्फबारी और अत्यधिक ठंड के कारण मंदिर परिसर तक पहुंचना भक्तों के लिए संभव नहीं होता. इसी वजह से बद्रीनाथ धाम के कपाट हर साल छह महीने के लिए बंद कर दिए जाते हैं.
बद्रीनाथ मंदिर को फिर से कब खोला जाएगा, इसके लिए अक्षय तृतीया के समय तिथि निर्धारित की जाती है. हर साल अप्रैल-मई के महीने में फिर से कपाट भक्तों के दर्शन के लिए खोल दिए जाते हैं.
चारधाम की यात्रा में बद्रीनाथ की यात्रा अंतिम और महत्वपूर्ण मानी जाती है. बद्रीनाथ की यात्रा के बिना चारधाम यात्रा अधूरी मानी जाती है. शास्त्रों में इसे दूसरा बैकुंठ कहा गया है.
बद्रीनाथ धाम की यात्रा को लेकर ऐसी मान्यता है कि, यहां आने वाले व्यक्ति के जीवन के दुख खत्म हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है. इसलिए इसे मोक्ष द्वार भी कहा जाता है.
बद्रीनाथ धाम की यात्रा को लेकर ऐसी कहावत है कि, जो जाए बदरी, वो न आए ओदरी. यानी जो भक्त बद्रीनाथ धाम के दर्शन के लिए जाता है, उसे दोबारा जन्म नहीं लेना पड़ता. यानी वह जन्म-मरण के बंधन से मुक्त हो जाता है.