Astrology: अपनी किस्मत से हैं परेशान तो शुक्रवार और एकादशी के दिन इस उपाय से खोल सकते हैं किस्मत का ताला
जीवन में कई बार ऐसी परेशानियां आती है कि जाने का नाम ही नहीं लेती. सारे उपाय करने के बाद भी लगता है आपकी किस्मत का तो ताला ही बंद हो गया है. खुलता ही नहीं. कितनी मन्नते मांगी, पूजा पाठ, सारे अनुष्ठान भी कर लिए लेकिन किस्मत रूठी की रूठी है.
अगर ऐसा हो रहा है आपके साथ तो किसी शुक्रवार को कोई भी एक स्टील का ताला डिब्बी में बन्द का बन्द दुकान से खरीदें. इसे चेक करने के लिए भी खोलकर नहीं देखें. बंद ही लाएं तथा उसे शनिवार को बिना खोले किसी मन्दिर या धार्मिक स्थान पर रख दें.रखने के बाद बिना पीछे देखे वहां से चले आएं.
इस उपाय में बंद ताला आपकी बंद किस्मत का प्रतीक है तथा उसे मन्दिर में रखने का अर्थ है कि आप अपनी बंद किस्मत को ईश्वर के चरणों में रख रहे हो तथा अपने विश्वास तथा श्रद्धा से आप ईश्वर से प्रार्थना कर रहे हो कि वह आपकी बंद किस्मत के तालों को जल्दी ही खोलेंगे.
जब वो ताला खुल जाता है तो इसका अर्थ है कि आपके जीवन की हर समस्या को दूर कर ईश्वर ने आपकी किस्मत के तालों को भी खोल दिया है तथा अब आप भी अपने जीवन में सुख, शांति, धन तथा समृद्धि को प्राप्त करेंगे.
परिवार की प्रमुख महिला या बहू रोजाना सुबह उठकर तांबे के लोटे में जल लेकर मुख्यद्वार पर उढेल दें तथा लक्ष्मीजी को अपने यहां पधारने के लिए, स्थायी वास के लिए प्रार्थना करें.
एक लोटे में जल तथा कच्चा दूध मिश्रित कर रात को अपने सिरहाने रख सो जाएं, सुबह किसी बबूल के जड़ में उस जल को चढ़ां दें.
आपके घर के आसपास कोई तालाब हो तो मछलियों को प्रति दिन आटे की गोली बनाकर खिलाएं.
एकादशी का व्रत तथा दान-पुण्य करने से भी बंद किस्मत का ताला खुलता है.अमावास्या को गौ अथवा गरीब को भोजन करवाएं.
फूल वाली लौंग तथा कपूर, दोनो मिलाकर जला लें तथा उसका भस्म चुटकी में लेकर दो तीन दिन खाएं.