Amalaki Ekadashi 2025: आमलकी एकादशी क्या होती है, इस दिन व्रत रखने और पूजा करने से जीवन में किन परेशानियों से मुक्ति मिलती है
हिंदू धर्म में एकादशी के व्रत का बहुत महत्व है. साल में कुल 24 एकादशी होती है. फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष के पुष्य नक्षत्र में पड़ने वाली एकादशी को आमलकी एकादशी के नाम से जाना जाता है.
आमलकी का अर्थ है आवंला. विष्णु जी ने जब सृष्टि की रचना के लिए ब्रह्मा जी को जन्म दिया उसी समय उन्होंने आंवले के वृक्ष को जन्म दिया, आंवले को भगवान विष्णु ने आदि वृक्ष के रूप में प्रतिष्ठित किया है. इसके हर अंग में ईश्वर का स्थान माना गया है.
साल 2025 में आमलकी एकादशी का व्रत 10 मार्च को रखा जाएगा. आमलकी एकादशी के दिन आवंले के पेड़ की पूजा की जाती है. यह एकादशी महाशिवरात्रि और होली के बीच पड़ती है.
अगर आप भी करियर और जॉब में आ रही दिक्कतों से परेशान हैं तो, आमलकी एकादशी के दिन श्री हरि विष्णु जी का पंचामृत से अभिषेक करें.
शादीशुदा लाइफ में आ रही मुश्किलों से मुक्ति के लिए इस दिन तुलसी पूजन करें. इस दिन तुलसी मां के साथ लक्ष्मी जी की भी आराधना करें और उन्हों श्रृंगार का सामान अर्पित करें.
साथ ही इस दिन लाइफ में आ रही मुश्किलों के लिए जरुरतमंदों की मदद और करें और उन्हें श्रृद्धा अनुसार दान दें.