एंग्जाइटी और डिप्रेशन को कहें अलविदा, अपनाएं ये 5 शक्तिशाली ज्योतिषीय उपाय, मिलेगी मानसिक शांति और संतुलन!
आज के समय में लोगों को तनाव की वजह से एंग्जाइटी और डिप्रेशन जैसी समस्याएं तो आम हो गई है. जिसकी वजह से वे अनेकों तरह की दवाइयां और थेरेपी लेते हैं. मगर ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों को संतुलित करने के कुछ उपाय बताएं है, जिन्हें करने से मन शांत रहता है. आइए जानते हैं, उन उपायों के बारे में.
जिन लोगों को मानसिक शांति की आवश्यकता है. वे सोमवार के दिन चंद्रमा की कृपा प्राप्त करें. इस दिन वे सुबह स्नान करके सफेद चंदन का तिलक लगाए और दूध में चावल मिलाकर मंदिर में दान करें. इससे 21 दिन तक करने से नींद गहरी आती है और व्यक्ति का चिड़चिड़ापन भी घटता है.
गुरुवार के दिन पीले रंग से जुड़ी वस्तुओं का दान करना बेहद शुभ माना जाता है. इस दिन बेसन की मिठाई, केला या कोई भी पीली वस्तु जरूरतमंद को दान करें. साथ ही केले के पौधे की विधिवत पूजा करें और “ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः” मंत्र का 19 बार जाप करें. ऐसा नियमित रूप से करने से मन शांत होता है और लगभग 40 दिनों में मनोबल और सोचने की क्षमता में स्पष्ट सुधार दिखाई देने लगता है.
राहु-केतु की वजह से भी मानसिक तनाव बढ़ता है. इसे कम करने के लिए बुधवार की शाम को हनुमान जी की पूजा करें और सरसों के तेल का दीपक जलाकर, चना और गुड़ को अर्पित कर, हनुमान चालीसा का पाठ करें. यह लगातार 11 बुधवार तक पूरे विधि-विधान से करने से राहु-केतु का नकारात्मक प्रभाव कम होता है और डरावने सपने, चिंता और बेवजह भ्रम आने बंद हो जाते है.
रविवार की सुबह सूर्य देव को तांबे के लोटे में जल अर्पित करें और सूर्य नमस्कार करें. इस दिन तांबे की अंगूठी दाहिने हाथ की अनामिका में धारण करना भी शुभ रहता है. साथ ही “ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः” मंत्र का सात बार जाप करें. यह उपाय लगातार 30 दिनों तक करने से जीवन के प्रति दृष्टिकोण सकारात्मक और उत्साही बन जाता है.
शनिवार को शनि देव की पूजा करते वक्त पीपल के पेड़ पर सरसों का तेल चढ़ाएं और काले तिल का दान करें. इसके बाद ॐ शं शनैश्चराय नमः मंत्र का 108 बार जप करें. यह उपाय करने से शनि कि बुरी ऊर्जा शांत होती है और मानसिक दबाव भी घटता है.