असम: PM मोदी 25 दिसंबर को बोगीबील पुल का करेंगे अनावरण, यहां देखें तस्वीरें
दरसअल, बोगिबील पुल की सामरिक लिहाज से इसलिए भी बेहद महत्वपूर्ण है ताकि 1962 जैसा धोखा हमें फिर न मिल सके जब चीन ने अरूणाचल प्रदेश के सीमावर्ती इलाकों पर कब्ज़ा करने के लिए भारत पर हमला कर दिया था. इस युद्ध के दौरान अगर चीन असम की तरफ रुख़ करता तो भारत के पास असम में ब्रहम्पुत्र के उत्तर के इलाकों को बचा पाने का कोई भी रास्ता नहीं था. क्योंकि चीन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए उन इलाकों तक पहुंचना ही मुश्किल था. तस्वीर: एएनआई
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View In Appपूर्वोत्तर फ्रंटियर रेलवे के प्रवक्ता नितिन भट्टाचार्य ने बताया, मौजूदा समय में इस दूरी को पार करने में 15 से 20 घंटे के समय की तुलना में अब इसमें साढ़े पांच घंटे का समय लगेगा. तस्वीर: एएनआई
पीएम नरेंद्र मोदी मंगलवार को बोगीबील पुल से गुजरने वाली पहली यात्री ट्रेन को हरी झंडी दिखा कर देश के सबसे लंबे रेल सह सड़क पुल का शुभारंभ करेंगे. यह ट्रेन तिनसुकिया-नाहरलगुन इंटरसिटी एक्सप्रेस होगी जो हफ्ते में पांच दिन चलेगी. यह पुल कुल 4.94 किलोमीटर लंबा पुल है. इस पुल की मदद से असम के तिनसुकिया से अरूणाचल प्रदेश के नाहरलगुन कस्बे तक की रेलयात्रा में लगने वाले समय में 10 घंटे से अधिक की कमी आने की उम्मीद है. तस्वीर: एएनआई
पुल के ऊपर 3 लेन की सड़क बनाई गई है और पुल के नीचे के हिस्से में दो रेलवे ट्रैक भी मौजूद हैं. इस पर 100 किलोमीटर की रफ्तार से ट्रेनें दौड़ सकेंगी. इस पुल को बनाने में 5800 करोड़ रुपए खर्च आया है. ब्रह्मपुत्र नदी पर बना ये पुल कुल 42 खम्बो पर टिका हुआ है जिसे नदी के अंदर 62 मीटर तक गाड़ा गया है. साथ ही यह पुल 8 तीव्रता का भूकंप झेलने की क्षमता रखता है. तस्वीर: एएनआई
बोगीबील पुल असम के डिब्रूगढ़ जिले में ब्रह्मपुत्र नदी के दक्षिण तट को अरूणाचल प्रदेश के सीमावर्ती धेमाजी जिले में सिलापाथर को जोड़ेगा. यह पुल और रेल सेवा धेमाजी के लोगों के लिए अति महत्वपूर्ण होने जा रही है क्योंकि मुख्य अस्पताल, मेडिकल कॉलेज और हवाई अड्डा डिब्रूगढ़ में हैं. इससे ईटानगर के लोगों को भी लाभ मिलेगा क्योंकि यह इलाका नाहरलगुन से केवल 15 किलोमीटर की दूरी पर है. तस्वीर: एएनआई
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