अगर आपने भी की है सरसों की खेती तो समझ लें ये बातें, दोगुनी होगी पैदावार
अगर आप भी सरसों की खेती करते हैं तो आपके लिए ये खबर काम की है. आज यहां आपको बताएंगे कि कैसे आप सरसों की दोगुनी पैदावार पा सकते हैं. देश में सरसों की खेती बड़े स्तर पर की जाती है, सरसों का तेल खाना पकाने, औषधीय और अन्य औद्योगिक कार्यों में इस्तमेला होता है. सरसों की खेती से किसानों को अच्छा मुनाफा प्राप्त होता है. आइए जानते हैं सरसों की दोगुनी फसल की पैदावार के लिए टिप्स...
सरसों की बुवाई के लिए अच्छा समय अक्टूबर और नवंबर का माना जाता है. ये मौसम सरसों की खेती के लिए अनुकूल कहा जाता है. यदि आप इस समय के बाद इसकी बुवाई करते हैं, तो आपको फसल की पैदावार कम प्राप्त हो सकती है.
सरसों की अच्छा पैदावार के लिए आप उसकी उन्नत किस्में चुनें हैं. सरसों की खेती करने के लिए दोमट या बलुई दोमट मिट्टी अच्छी मानी जाती है. इस मिट्टी में पानी का निकास अच्छा होता है और पोषक तत्वों की मात्रा भी पर्याप्त होती है.
इसकी अच्छी पैदावार के लिए सही मात्रा में खाद और उर्वरक का इस्तेमाल करें. बुवाई के दौरान प्रति एकड़ 8-10 किलोग्राम नत्रजन, 20 किलोग्राम फास्फोरस और 12 किलोग्राम पोटाश डालें.
सरसों की फसल को अच्छी पैदावार के लिए सिंचाई बेहद जरूरी है. इसकी बुवाई के समय पहली सिंचाई 10-15 दिन बाद करें. फिर बाद जरूरत के अनुसार सिंचाई करें.
सरसों की फसल में खरपतवार की समस्या भी हो सकती है. इसमें कई रोग और कीट लग सकते हैं इसलिए इनके नियंत्रण के लिए समय-समय पर दवा का छिड़काव जरूर करें.