कैसे किचन गार्डन में उगा सकते हैं अंगूर? जान लें बेहद आसान तरीका
अंगूर की बेल बहुत सुंदर होती है और यह आपके किचन गार्डन की शोभा बढ़ा देती है. साथ ही, जब उस पर हरे या काले अंगूरों के गुच्छे लटकते हैं, तो उसका दृश्य किसी प्राकृतिक सजावट से कम नहीं लगता. आइए जानते हैं कि आखिर कैसे आप अपने छोटे से गार्डन में अंगूर उगा सकते हैं.
सबसे पहले बात करते हैं जगह की. अंगूर की बेल को भरपूर धूप चाहिए. अगर आप छत या बालकनी में पौधा लगाने की सोच रहे हैं, तो ध्यान रखें कि वहां रोज़ कम से कम 6 से 8 घंटे धूप आती हो. धूप की कमी होने पर बेल तो बढ़ेगी, लेकिन फल कम आएंगे या स्वाद में फर्क पड़ेगा.
अब बात मिट्टी और गमले की करें. अंगूर को ऐसी मिट्टी पसंद है जो हल्की और जल निकासी वाली हो. बहुत भारी या चिकनी मिट्टी में यह पौधा ठीक से नहीं बढ़ पाता. मिट्टी तैयार करते समय उसमें बगीचे की मिट्टी, गोबर की खाद या कंपोस्ट और थोड़ी रेत मिलाएं. इससे पौधे को पोषण मिलेगा और पानी भी सही तरह से निकलेगा. गमले का आकार कम से कम 18 से 24 इंच गहरा होना चाहिए ताकि बेल की जड़ों को फैलने की पूरी जगह मिल सके.
अगर आप नर्सरी से पौधा नहीं लाना चाहते, तो पुराने बेल की कटिंग से भी नया पौधा तैयार कर सकते हैं. लगभग 8 से 10 इंच लंबी टहनी लें, जिसमें 3-4 कली हों. इसे मिट्टी में दो-तीन इंच तक दबा दें और ऊपर से हल्का पानी दें. लगभग दो हफ्ते बाद जब नई पत्तियां निकलने लगें, तो समझिए पौधा अच्छी तरह जम गया है.
अब बात आती है पानी देने की. अंगूर के पौधे को बहुत ज्यादा पानी पसंद नहीं है. मिट्टी हमेशा हल्की गीली रहनी चाहिए, लेकिन पानी कभी जमा नहीं होना चाहिए. गर्मियों में दो दिन में एक बार और सर्दियों में हफ्ते में एक बार पानी देना पर्याप्त होता है. जैसे-जैसे बेल बढ़ती है, उसे सहारे की जरूरत पड़ती है. आप रस्सी, बांस, जाली या तार का सहारा दे सकते हैं. इससे बेल सही दिशा में बढ़ेगी और पत्तों को भी पर्याप्त धूप मिलेगी.
खाद डालना भी जरूरी है. हर महीने एक बार गोबर की खाद या वर्मी कम्पोस्ट डालें. इससे पौधा हरा-भरा रहेगा और फल मीठे बनेंगे. अगर पत्तियों पर कीड़े लगें, तो नीम के तेल और पानी का मिश्रण बनाकर हल्का स्प्रे करें. यह प्राकृतिक तरीका है और रासायनिक कीटनाशकों से कहीं बेहतर है.