Most Expensive Mango: भारत में उगकर पूरी दुनिया में फेमस हो रहा है ये जापानी आम, 2.5 लाख रुपये में हो रही है बिक्री
आम को फलों का राजा ऐसे ही नहीं कहते. आम की बेहतरीन क्वालिटी, नायाब किस्में और लाजवाब स्वाद ही इसे दूसरे फलों से अलग बनाता है. भारत में दशहरी, लंगड़ा, चौंसा और अलफॉन्सो आदि आमों की डिमांड सबसे ज्यादा रहती है, लेकिन जापानी मूल का मियाजाकी अपने स्वाद के कारण ही नहीं, बल्कि सबसे महंगा होने के कारण दुनियाभर में मशहूर हो रहा है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जापान के मियाजाकी शहर की उपज होने के कारण इसे मियाजाकी आम कहते हैं. ये दुनिया का सबसे मंहगा आम है, जिसकी बनावट अनोखी और रंग गहरा लाल या जामुनी होता है. इस आम का साइज किसी डायनासोर के अंडे के बराबर होता है. इसका वैज्ञानिक नाम ताइयो-नो-टोमागो है, जिसे एग्स ऑफ सनशाइन भी कहते हैं.
मियाजाकी किस्म के आम का वजन करीब 350 ग्राम होता है, जिसे बाजार में 21,000 रुपये प्रति फल के हिसाब से बेचा जाता है. अंतर्राष्ट्रीय बाजार में मियाजाकी आम की कीमत करीब 2 लाख 70 हजार रुपये प्रति किलो दर्ज की गई है.
अमेरिका और यूरोप जैसे बड़े-बड़े देशों में मियाजाकी आम के शौकीन मिल जायेंगे, लेकिन महंगा होने के कारण भारत में इसका बाजार नहीं बन पाया है. भारत में उगने के बावजूद मियाजाकी आम विदेशों में निर्यात किया जाता है. बता दें कि निर्यात से पहले मियाजाकी आम का ठीक प्रकार क्वालिटी चैक, जांच और परीक्षण किया जाता है. इसी के बाद इसे निर्यात के लिये हरी झंडी मिलती है.
जापानी आम मियाजाकी को सबसे पहले 80 से 90 के दशक के बीच मियाजाकी शहर में ही उगाया गया है, लेकिन समय और इसकी बढ़ती मांग के साथ थाईलैंड, फिलीपींस और भारत के किसान भी इसकी खेती में दिलचस्पी ले रहे हैं.
मियाजाकी आम की खेती के लिये अच्छी बारिश के साथ-साथ तेज धूप और उपजाऊ मिट्टी की जरूरत होती है. इसकी फलत अप्रैल से अगस्त के महीने में होती है. मियाजाकी आम में एंटी ऑक्सीडेंट्स के साथ ही बीटा-कैरोटीन और फोलिक एसिड जैसे खास गुण मौजूद होते हैं. इसमें सिर्फ 15% शुगर होता है, जिस कारण मियाजाकी आम डायबिटीज और कैंसर के मरीजों के शौक भी पूरे कर सकते हैं.