भारत से भगोड़ा घोषित कट्टरपंथी जाकिर नाइक को बांग्लादेश में एंट्री नहीं मिलेगी. भारत के विरोध के बाद मोहम्मद यूनुस ने अपना फैसला बदल दिया है. हाल ही में बांग्लादेश सरकार जाकिर नाइक के स्वागत की तैयारी में जुटी हुई थी. इसी महीने के आखिर में 28-29 नवंबर को ढाका में जाकिर नाइक के लिए एक बड़े कार्यक्रम का आयोजन होना था, जिस पर प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था कि जाकिर नाइक अगर बांग्लादेश आता है तो उसके प्रत्यर्पण की उम्मीद की जाएगी. ऐसे में बांग्लादेश सरकार ने जाकिर नाइक की एंट्री पर रोक लगा दी है.

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बांग्लादेश में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के तख्तापलट के बाद से ही देश में इस्लामिक ताकतों का प्रभाव काफी ज्यादा हो गया है. वहीं, दूसरी ओर मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में बांग्लादेश की अंतरिम सरकार देश में इस्लामिक कट्टरपंथियों का स्वागत करने में जुटी है. इन कट्टरपंथियों में ऐसे लोग भी शामिल हैं, जिन्होंने कभी भारत के पड़ोसी देश पर आतंकवादी हमले किए थे. बांग्लादेश की अंतरिम सरकार इन दिनों जिस जाकिर नाइक के आवभगत की तैयारियों में जुटी हुई थी, उसी जाकिर नाइक पर साल 2016 के जुलाई महीने में ढाका बेकरी आतंकी हमले में शामिल होने का आरोप है.

जाकिर नाइक के बांग्लादेश में एंट्री पर रोक का कब लिया गया फैसला

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दरअसल, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने इस मामले को लेकर मंगलवार (4 नवंबर, 2025) को सचिवालय में गृह मंत्रालय के मीटिंग रूम में हुई कानून-व्यवस्था कोर कमेटी की बैठक में फैसला लिया. जिसके तहत जाकिर नाइक की बांग्लादेश यात्रा पर फिलहाल रोक लगा दी गई है.

बांग्लादेश सरकार ने क्यों लिया ये फैसला?

मंत्रालय की कोर कमेटी की बैठक में इस बात पर चर्चा की गई कि अगर जाकिर नाइक बांग्लादेश आता है, तो उसके समर्थकों की भारी भीड़ भी इकट्ठा हो सकती है. ऐसे में उसकी सुरक्षा व्यवस्था के लिए भारी संख्या में सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की जरूरत होगी. लेकिन बांग्लादेश में आगामी आम चुनावों को लेकर सुरक्षा बल पहले से ही व्यस्त है. ऐसे में सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की समस्या को देखते हुए बैठक में फैसला किया गया कि जाकिर नाइक की बांग्लादेश यात्रा आम चुनावों के खत्म होने के बाद आयोजित कराई जाएगी.

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