वॉल स्ट्रीट जर्नल (WSJ) की एक नई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को मई में ही सूचित कर दिया गया था कि उनका नाम जेफरी एपस्टीन से संबंधित फाइलों में कई बार आया है. यह जानकारी अमेरिकी अटॉर्नी जनरल पाम बॉन्डी की तरफ से उन्हें दी गई थी. हालांकि ट्रंप यह दावा करते रहे हैं कि उन्होंने एपस्टीन से बहुत पहले ही नाता तोड़ लिया था, लेकिन WSJ ने रिपोर्ट किया कि 2003 में ट्रंप ने एपस्टीन को एक बर्थ डे लेटर लिखा था, जो अश्लील था. इसके बाद ट्रंप ने WSJ पर मानहानि का मुकदमा दायर किया है और इन रिपोर्ट्स को फर्जी खबर करार दिया है.

मामले पर व्हाइट हाउस ने कहा कि बॉन्डी की तरफ से पेश बाइंडरों में ट्रंप का नाम मौजूद था, लेकिन ऐसा कोई सबूत नहीं है कि ट्रंप किसी भी आपराधिक गतिविधि में शामिल थे. व्हाइट हाउस संचार निदेशक स्टीवन चेउंग ने भी WSJ की रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा कि ट्रंप ने एपस्टीन को घिनौना इंसान मानते हुए अपने क्लब से निकाल दिया था.

ओबामा को बनाया गया नया निशानाइस मुद्दे पर जनता का ध्यान हटाने के लिए, ट्रंप टीम ने फिर से ओबामा रशियागेट कांड को उछालना शुरू कर दिया. ट्रंप की खुफिया प्रमुख तुलसी गबार्ड ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया कि बराक ओबामा वर्षों से ट्रंप के खिलाफ एक तख्तापलट की कोशिश में शामिल रहे हैं. गबार्ड ने यह भी कहा कि ओबामा ने खुफिया आकलनों में हेरफेर कर रूस पर गलत आरोप लगाने के आदेश दिए थे, ताकि ट्रंप को 2016 के चुनावों में विफल किया जा सके. हालांकि, 2019 से 2023 तक की चार प्रमुख जांचों ने निष्कर्ष निकाला कि रूस ने चुनाव में हस्तक्षेप किया था और ट्रंप को फायदा हुआ था.

ट्रंप समर्थकों की नजर में एपस्टीन की मौत और साजिशजेफरी एपस्टीन, जो कई प्रभावशाली लोगों का फाइनेंसर था, उसे नाबालिग लड़कियों की तस्करी और यौन शोषण के आरोपों में गिरफ्तार किया गया था. 2019 में जेल में उसकी संदिग्ध आत्महत्या ने ट्रंप समर्थकों के बीच इस थ्योरी को जन्म दिया कि वह पीडोफाइल एलीट नेटवर्क का हिस्सा था और उसकी हत्या इसलिए कर दी गई ताकि वह रहस्य न खोल सके. MAGA समर्थकों का मानना है कि ट्रंप इस नेटवर्क को उजागर करने की कगार पर थे. यही कारण है कि उन्हें बार-बार निशाना बनाया जाता है.

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