किसी भी देश के नागरिक के लिए पासपोर्ट एक अहम दस्तावेज होता है. यह न केवल उसकी पहचान साबित करता है, बल्कि उस देश की अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा और ताकत का भी प्रतीक होता है. हर पासपोर्ट समान रूप से शक्तिशाली नहीं होता.

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Henley Passport Index 2025 के अनुसार कुछ देशों के पासपोर्ट इतने कमजोर हैं कि उनके नागरिकों को विदेश यात्रा के लिए वीजा लेना बेहद मुश्किल हो गया है.

अफगानिस्तान सबसे कमजोर पासपोर्ट

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2025 की रिपोर्ट के अनुसार, अफगानिस्तान का पासपोर्ट दुनिया में सबसे निचले पायदान पर है. लगातार आतंकी घटनाएं, राजनीतिक अस्थिरता और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कमजोर स्थिति इसकी बड़ी वजहें हैं. इस देश के नागरिक केवल 27 देशों तक बिना वीजा या ऑन-अराइवल सुविधा के साथ यात्रा कर सकते हैं, इसलिए इसे दुनिया का सबसे कमजोर पासपोर्ट कहा गया है. इसका रैंक 104 है.

सीरिया युद्ध और संकट ने घटाई साख

सीरिया में पिछले एक दशक से चल रहे गृहयुद्ध ने इस देश की अंतरराष्ट्रीय स्थिति को गंभीर रूप से प्रभावित किया है. कई देशों ने सीरियाई नागरिकों पर वीजा प्रतिबंध लगा रखे हैं. Henley Index में सीरिया की रैंक 103 है, जिससे यह अफगानिस्तान के ठीक ऊपर है.

इराक आतंकवाद और अस्थिरता का प्रभाव

इराक का नाम भी कमजोर पासपोर्ट वाले देशों में शामिल है. वर्षों तक चले युद्ध और आतंकी हमलों ने इसकी छवि को नुकसान पहुंचाया. इसके कारण इराकी नागरिकों को वीजा प्राप्त करने के लिए कड़ी जांच और सख्त प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है. यह देश Henley रैंकिंग में 102वें स्थान पर है.

पाकिस्तान कड़े वीजा नियमों में फंसा पड़ोसी देश

पाकिस्तान का पासपोर्ट भी दुनिया के सबसे कमजोर पासपोर्टों में से एक है. राजनीतिक अस्थिरता, आतंकवाद और अंतरराष्ट्रीय विवादों ने इसकी स्थिति को कमजोर बना दिया है. पाकिस्तानी नागरिकों को केवल 33 देशों में वीजा-फ्री एंट्री मिलती है. Henley Index में पाकिस्तान की रैंक 101 दर्ज की गई है.

यमन युद्ध और आर्थिक संकट की मार

यमन कई सालों से गृहयुद्ध और आर्थिक तबाही से जूझ रहा है. इस वजह से यहां के नागरिकों को विदेश यात्रा के लिए वीजा प्राप्त करना बेहद कठिन हो गया है.Henley Passport Index 2025 में इसकी रैंक 101 बताई गई है. कई देशों ने यमनी नागरिकों के वीजा आवेदन अस्वीकार कर दिए हैं.

सोमालिया अस्थिरता ने घटाई साख

सोमालिया दशकों से आतंकवाद और राजनीतिक अस्थिरता का सामना कर रहा है. दुनिया के अधिकांश देश सोमालियाई दस्तावेजों पर भरोसा नहीं करते. Henley Index में इसकी रैंक 100 है और बहुत ही कम देशों में इसके नागरिकों को वीजा-फ्री प्रवेश की अनुमति मिलती है.

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