India Economy in 2028: दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था (World's Largest Economy)) संयुक्त राज्य अमेरिका को लेकर कई रिपोर्ट्स आई हैं, जिनमें इस बात के संकेत दिए गए हैं कि 2050 तक अमेरिका सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था नहीं रहेगा. रिपोर्ट्स का कहना है कि भारत और चीन उससे आगे निकल जाएंगे. एक और रिपोर्ट के हिसाब से 2028 में ही चीन अमेरिका को पछाड़ कर दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा. 


सेंटर फोर इकोनॉमिक्स एंड बिजनेस रिसर्च (CEBR) ने कहा कि एक दशक से भी पहले ही चीन अमेरिका को ही ओवरटेक कर लेगा. यह रिपोर्ट तीन साल पुरानी है इसलिए इसमें कहा गया कि करोनो महामारी के प्रभाव से चीन तेजी से उभरा है. रिपोर्ट में एक्सपर्ट्स का कहना है कि चीन और अमेरिका की अर्थव्यवस्थाओं के बीच जो गैप है उसको चीन जल्द ही कवर कर लेगा.


सीईबीआर के डिप्टी चेयरमैन डगलस मैक विलियम्स ने कहा, 'इस भविष्यवाणी की बड़ी बात यह है कि चीन की इकोनॉमिकल ग्रोथ में तेजी देखी गई है और हमें लगता है कि 2020-25 के बीच चीन अपर-इनकम इकोनॉमी बन जाएगा. पांच साल में ही यह अमेरिका से आगे निकल जाएगा.'  


भारत 2035 तक होगा दुनिया की दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्था
ग्लोबल जीडीपी (Global GDP) में चीन की हिस्सेदारी बढ़कर 17.8 फीसदी हो गई है, जबकि साल 2000 में यह 3.6 फीसदी थी. रिपोर्ट में भारत को लेकर अनुमान जताया गया कि भारत ब्रिटेन से आगे निकल जाएगा और 2035 तक दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा. सीईबीआर ने कहा कि 2019 में फ्रांस और ब्रिटेन को भारत ने पीछे छोड़ दिया था और 2024 में यह दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. हालांकि, रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि रुपये की कीमत में कमी के कराण कुछ समय के लिए यह ब्रिटेन से पीछे हो सकता, लेकिन यह दौर बहुत थोड़े समय के लिए होगा. इसके बाद इकोनॉमी में फिर से सुधार होगा और 2035 तक भारत दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के तौर पर उभरेगा.


2035 तक दुनिया की टॉप इकोनॉमी बन जाएगा चीन
चीन की अर्थव्यवस्था को लेकर एक थिंक टैंक ने भी इसी तरह के अनुमान लगाए हैं. महीने की शुरुआत में चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने एक थिंक टैंक के हवाले से रिपोर्ट छापी थी, जिसमें कहा गया कि 2035 तक चीन दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा. एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर चीन अगले पांच साल में जीडीपी में सालाना 5 फीसदी की बढ़ोतरी बरकरार रखता है और 2035 तक 4 फीसदी की विकास दर के साथ आगे बढ़ता रहेगा तो अमेरिका से आगे निकल जाएगा. रिपोर्ट में कहा गया कि अमेरिका से ज्यादा चीन इनवेस्ट कर रहा है और वह जीडीपी का 40 फीसदी इनवेस्ट करता है और 5 फीसदी की बढ़ोतरी बनाए रखता है तो उसकी इकोनॉमी अमेरिका और यूरोपियन यूनियन से ज्यादा हो जाएगी.


15 सालों में पर्यावरणीय बदलावों का अर्थव्यवस्था पर दिखेगा असर
रिपोर्ट में प्राकृतिक आपदाओं के अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभाव का भी जिक्र किया गया है. रिपोर्ट का कहना है कि पर्यावरणीय बदलावों का ग्लोबल इकोनॉमी पर 15 सालों में गंभीर प्रभाव पड़ना शुरू हो जाएगा. रिपोर्ट में कहा गया कि जैसा कि बहुत से देश अगले दशक तक कार्बन जीरो इकोनॉमी की ओर बढ़ने की योजना बना रहे हैं. इससे  जीवाश्म ईंधन की मांग कम होगी और तेल की कीमतों में भी कमी आएगी. 2035 तक कच्चे तेल की बैरल की कीमत 30 डॉलर नीचे चली जाएगी.


2050 तक एशियाई देश होंगे दुनिया की सबसे बड़ी सुपरपावर
प्राइसवॉटरहाउसकूपर्स इेटरनेशनल लिमिटेड या PwC की 'वर्ल्ड इन 2050' रिपोर्ट में भविष्यवाणी की गई है कि जर्मनी और फ्रांस जैसी अर्थव्यवस्था 2050 तक टॉप 5 की लिस्ट से बाहर हो जाएंगी, जबकि इंडोनेशिया और ब्राजील जैसे देश लिस्ट में होंगे. इस हिसाब से टॉप 5 इकोनॉमी में तीन एथियाई देश चीन, भारत और इंडोनेशिया होंगे. रिपोर्ट में कहा गया कि 2050 तक दुनिया की अर्थव्यवस्था 130 फीसदी यानी दोगुनी से भी ज्यादा हो जाएगी, जिसमें सबसे ज्यादा हिस्सेदारी E7 यानी विकासशील देशों की होगी.


रिपोर्ट का कहना है कि E7 देशों की इकोनॉमी की रफ्तार G7 या विकसित देशों से ज्यादा होगी. 2050 में ग्लोबल इकोनॉमी में में चीन की 20 फीसदी और भारत की हिस्सेदारी बढ़कर 15 फीसदी हो जाएगी. वहीं, अमेरिका की हिस्सेदारी 16 से कम होकर 12 फीसदी और यूरोपियन यूनियन देशों की 15 फीसदी से कम होकर 9 फीसदी रह जाएगी. E7 ग्रुप में भारत, चीन, इंडोनेशिया, बांग्लादेश, पाकिस्तान, वियतनाम और नाइजीरिया हैं, जबकि G7 ग्रुप में अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, जापान, फ्रांस, जर्मनी, कनाडा और इटली हैं. 


रिपोर्ट में 2050 में दुनिया की 20 सबसे बड़ी इकोनॉमी का डेटा पेश किया गया है. डेटा कहता है कि वियतनाम जो 2016 में 32वें स्थान पर था वह 2050 तक 20वें नंबर पर आ जाएगा. इसकी जीडीपी में सालाना 5.1 फीसदी की बढ़ोतरी होगी. वहीं, फिलीपींस 28वें से 19वें नंबर पर आ जाएगा और उसकी जीडीपी में  4.3 फीसदी की ग्रोथ होगी. इसके अलावा, 4.2 सालाना जीडीपी में बढ़ोतरी के साथ 22वें से 14वें नंबर पर आ जाएगा


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