मौजूदा वक्त में तापमान काफी तेजी बढ़ रहा है. इसकी वजह ग्लोबल वार्मिंग को माना जा रहा है. इस बीच World Meteorological Organisation (WMO) की रिपोर्ट में चौंकाने वाली बात सामने आई है. इसके मुताबिक साल 2025 से 2029 के बीच धरती का औसत तापमान साल 1850-1900 के मुकाबले 1.5 °C से अधिक रहने की आशंका है. यही नहीं, अगले 5 सालों में कम-से-कम एक साल अब तक के सबसे गर्म साल 2024 के मुकाबले अधिक गर्म रहने की आशंका है.

Continues below advertisement

रिपोर्ट के अनुसार साल 2024 में वैश्विक औसत तापमान पहली बार 1.5 °C ज्यादा हो गया था. इसका मतलब यह है कि पेरिस समझौते की तरफ से तय की गई 1.5 °C की सीमा अब अस्थायी रूप से पार हो चुकी है.

हर साल बढ़ेगा तापमानWMO की रिपोर्ट में यह जानकारी भी दी गई है कि 2025-29 के दौरान प्रति वर्ष औसत तापमान 1.2 °C से 1.9 °C तक बढ़ सकता है. साथ ही आर्कटिक क्षेत्र में वैश्विक औसत से तीन-चार गुना तेज गर्मी आने की आशंका जताई गई है. वैज्ञानिकों का कहना है कि हर साल तापमान में 0.1 °C की बढ़त ही खतरनाक माना गया है, क्योंकि इससे ही अधिक हीटवेव, सूखा, बर्फ पिघलना और समुद्रस्तर में वृद्धि जैसी घटनाएं बढ़ती हैं. इस तरह बढ़ती गर्मी मानव जीवन, कृषि, जल संसाधन और इको-सिस्टम पर जोखिम बढ़ा रही है.

Continues below advertisement

भारत-दक्षिण एशिया के लिए क्या मायने रखता है?रिपोर्ट में इस बात पर भी जोर दिया गया है कि भारत समेत दक्षिण एशिया जैसे क्षेत्र में गर्मी का प्रभाव और अधिक तीव्र हो सकता है. यहां पर अधिक बारिश, हीटवेव और ग्लेशियर पिघलने जैसी घटनाएं तेजी से बढ़ने वाली हैं, जिसका असर खेती, पानी की मौजूदगी और लोगों की लाइफस्टाइल पर पड़ सकता है. इस वजह से वैज्ञानिकों ने अपील की है कि लोग ग्रीन एनर्जी पर ध्यान दें. ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाए.

ये भी पढ़ें: 'उनके साथ खेल नहीं किया जा सकता', ट्रंप ने की पुतिन-जिनपिंग की तारीफ; टैरिफ पर कह दी बड़ी बात