मालदीव के साथ चल रहे विवाद के बीच भारतीय सैनिकों की वापसी शरू हो गई है. वहां भारतीय सैनिकों की जगह अब टेक्नीकल टीम लेगी. इसके लिए मालदीव में सिविलियन टीम पहुंच गई है. राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के आदेश पर भारतीय सैनिकों को वापस बुलाया जा रहा है. वह जब से मालदीव के राष्ट्रपति बने हैं तभी से वह बार-बार यह बात दोहराते रहते हैं कि तीन दशक से तैनात भारतीय सैनिकों को वापस बुलाया जाए. दोनों देशों के बीच एक समझौता हुआ है, जिसके तहत 10 मार्च तक भारतीय सैनिकों के पहले दल को मालदीव छोड़ना हो. 


सोमवार (26 फरवरी) को मालदीव के रक्षा मंत्रालय ने जानकारी दी कि भारत से सिविलियन टीम का पहला दल मालदीव पहुंच गया है. सबसे पहले उन्हें दक्षिणी एटोल. एड्डू में हेलीकॉप्टर का जिम्मा दिया जाएगा. उन्होंने आगे कहा कि एड्डू में तैनात भारतीय सैनिक दोनों सरकारों के बीच सहमति के अनुसार 10 मार्च तक वापस लौट जाएंगे और बुधवार तक भारत से नया हेलीकॉप्टर भी आएगा और सिविलियन टीम इसके संचालन को अपने हाथ में लेने के लिए ट्रेनिंग शुरू करेंगे. 


मालदीव के रक्षा मंत्रालय ने यह भी बताया कि देश में अब भारतीय संपत्ति पर अब भारत के सैनिकों के बजाय टेक्नीकल टीम के कर्मचारी तैनात होंगे और भारत की ओर से उपलब्ध कराए गए हेलीकॉप्टरों पर अब टेक्नीकल टीमें तैनात होंगी और यही कर्मचारी हेलीकॉप्टर की जिम्मेदारी संभालेंगे. 


दोनों देशों के बीच क्या हुआ था समझौता
मालदीव के विदेश मंत्रालय ने 2 फरवरी को दिल्ली में भारतीय अधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक की थी. मीटिंग के बाद भारत ने कहा था कि वह मालदीव में तीन विमानन प्लेटफॉर्मों का संचालन करने वाले अपने सैन्य कर्मियों को 10 मई तक बदल देगा. इसी की तहत टेक्नीकल टीम को मालदीव भेजा जा रहा है. फिलहाल मालदीव में 70-80 भारतीय सैनिक भारत के दो हेलीकॉप्टर और एक डोर्नियार विमान का संचालन करने के लिए तैनात हैं. 8 फरवरी को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि मालदीव में तैनात वर्मान सैन्य कर्मियों को सक्षम भारतीय टेक्नीकल तकनीकी कर्मियों से बदला जाएगा.


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