Japan New Prime Minister: समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस के मुताबिक, फुमियो किशिदा का कार्यकाल समाप्त होने के बाद पूर्व रक्षा मंत्री शिगेरु इशिबा जापान के प्रधानमंत्री बनने वाले हैं. शुक्रवार को लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के नेतृत्व के लिए हुए मतदान में उन्होंने जीत हासिल कर ली है. लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) को मौजूदा समय में संसद के निचले सदन में बहुमत हासिल है, जिससे जापान के प्रधानमंत्री के रूप में शिगेरू इशिबा की कुर्सी सुरक्षित हो गई है.
जापान के भीतर अक्टूबर महीने में संसद सत्र शुरु होने पर शिगेरू इशिबा प्रधानमंत्री के रूप में पदभार संभालेंगे. इस बार जापान के पीएम पद के लिए 9 उम्मीदवार मैदान में थे. इशिबा 215 वोट हासिल करने में सफल रहे, उन्होंने आर्थिक सुरक्षा मंत्री साने ताकाइची को 21 वोटों से हरा दिया है.
शिगेरु इशिबा का प्रारंभिक जीवनशिगेरु इशिबा का जन्म 4 फरवरी 1957 को हुआ था, उनके पिता सरकारी अधिकारी थे और माता शिक्षिका थीं. उनके पिता टोटोरी प्रान्त के गवर्नर रहे हैं. टोटोरी प्रान्त में अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद, शिगेरु इशिबा टोक्यो चले गए और केयो विश्वविद्यालय में कानून की पढ़ाई की. स्नातक होने के बाद शिगेरु इशिबा ने 1983 तक मित्सुई बैंक में काम करना शुरू किया, उसके बाद उन्होंने राजनीति में अपना करियर बना लिया.
एलडीपी में राजनीतिक कैरियरसाल 1986 में शिगेरु इशिबा एलडीपी के उम्मीदवार के रूप में टोटोरी प्रान्त से चुनाव लड़कर प्रतिनिधि सभा के सबसे युवा सदस्य बने. हालांकि, समाचार एजेंसी एएफपी के अनुसार अपने करियर के दौरान उन्हें कई बार दरकिनार कर दिया गया क्योंकि कई बार उनके विचार पार्टी से टकरा जाते थे. एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार एलडीपी का नेतृत्व करने के लिए इशिबा का यह पांचवां और अंतिम प्रयास था.
एक बार पार्टी छोड़ चुके हैं शिगेरु इशिबाइशिबा इसके पहले कई विभागों का कार्यभार संभाला चुके हैं. साल 1993 में कृषि के संसदीय उप मंत्री, रक्षा मंत्री और जनसंख्या में कमी पर काबू पाने और स्थानीय अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए मंत्री के रूप में कार्य कर चुके हैं. 1993-1996 के दौरान वे कुछ समय के लिए एलडीपी से अलग हो गए और जापान रिन्यूअल पार्टी में शामिल हो गए. हालांकि, पार्टी में एक-दूसरे के खिलाफ काम कर रहे गुटों से निराश होकर वे फिर से एलडीपी में शामिल हो गए.
इन क्षेत्रों पर इशिबा का रहेगा फोकसइशिबा को पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे के 'प्रतिद्वंद्वी' के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि उन्होंने 2012 के चुनावों में उनके खिलाफ चुनाव लड़ा था. इस दौरान इशिबा ने शिंजों आबे की नीतियों की मुखर आलोचना की थी. विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का नेतृत्व करते हुए, इशिबा का लक्ष्य मुद्रास्फीति को कम करना, वेतन में सुधार करना, परमाणु ऊर्जा पर निर्भरता कम करना तथा चीन और उत्तर कोरिया से सुरक्षा खतरों का समाधान करना है.
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