Taiwan Nuclear weapons Dispute: ताइवान 1988 में परमाणु हथियार विकसित करने की कगार पर था, लेकिन तभी एक वरिष्ठ परमाणु इंजीनियर, चांग ह्सेन-यी ने इस सीक्रेट प्लान को अमेरिका के सामने उजागर कर दिया. इससे ताइवान को अपना लगभग पूरा हो चुका परमाणु कार्यक्रम बंद करने पर मजबूर होना पड़ा.
चांग के इस कदम को ताइवान में "विश्वासघात" माना गया, क्योंकि कई लोगों का मानना था कि यह चीन के साथ संतुलन बनाए रखने में मदद कर सकता था. तीस साल बाद, आलोचकों का दावा है कि इस खुलासे ने ताइवान को संभावित चीनी आक्रमण के खिलाफ कमजोर कर दिया.
चांग ह्सेन-यी का पक्ष81 वर्षीय चांग ह्सेन-यी का कहना है कि उन्होंने ताइवान के खिलाफ कोई विश्वासघात नहीं किया. CNN को दिए इंटरव्यू में उन्होंने बताया, "मैंने CIA को जानकारी देने का फैसला किया क्योंकि मुझे लगा कि यह ताइवान के लोगों के लिए सही था." उन्होंने यह भी कहा कि चीनी और ताइवानी दोनों एक ही मूल के हैं, इसलिए परमाणु हथियार बनाना बेवजह की चीज थी.
ताइवान का परमाणु कार्यक्रम और इसकी शुरुआत1964 में चीन ने अपना पहला परमाणु परीक्षण किया. 1966 में ताइवान के नेता चियांग काई-शेक ने गुप्त परमाणु हथियार कार्यक्रम शुरू किया. दरअसल, यह परियोजना रक्षा मंत्रालय और चांगशान विज्ञान अनुसंधान संस्थान की ओर से संचालित थी. चांग ह्सेन-यी, जो एक सेना के कप्तान थे, इस परियोजना में शामिल हुए और अमेरिका में परमाणु प्रशिक्षण लिया. टेनेसी में ओक रिज नेशनल लेबोरेटरी में प्रशिक्षित होने के दौरान, उन्हें CIA ने पहली बार संपर्क किया.
CIA से संपर्क और खुलासा1969-70 में पहली बार CIA ने संपर्क किया, लेकिन चांग ह्सेन-यी ने तब दिलचस्पी नहीं दिखाई.1980 में अमेरिका यात्रा के दौरान, CIA ने फिर संपर्क किया, और इस बार उन्होंने बातचीत के लिए सहमति दी.1984 में, वह CIA के ऑफिसियल इनफॉर्मर बन गए.जनवरी 1988 में, उन्होंने ताइवान की परमाणु योजना की जानकारी अमेरिका को दे दी.CIA ने चांग ह्सेन-यी, उनकी पत्नी और तीन बच्चों को ताइवान से बाहर निकाल लिया.
ताइवान की प्रतिक्रियाअमेरिका ने ताइवान पर परमाणु कार्यक्रम समाप्त करने का दबाव डाला. चांग ह्सेन-यी ताइवान में वांछित अपराधी घोषित हुए और फिर कभी अपने देश नहीं लौटे. उन्होंने कहा कि उन्हें यकीन नहीं था कि ताइवान उनका स्वागत करेगा या नहीं.