पाकिस्तान के चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ और देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज (CDF) फील्ड मार्शल जनरल असीम मुनीर ने शनिवार को बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सेना बाहरी और आंतरिक दोनों तरह के खतरों से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है. यह बयान उन्होंने भारत की सीमा के पास आकर दिया है.

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भारत और पाकिस्तान बॉर्डर के दौरे पर पहुंचे

जनरल मुनीर ने भारतीय सीमा के करीब पाकिस्तान में गुजरांवाला और सियालकोट छावनी क्षेत्रों का दौरा किया. इस दौरान पाकिस्तानी सेना की ओर से जारी बयान में कहा गया कि सेना शत्रुतापूर्ण 'हाइब्रिड' अभियानों, चरमपंथी विचारधाराओं और राष्ट्रीय स्थिरता को कमजोर करने वाले विभाजनकारी तत्वों से पैदा होने वाली इंटरनल और एक्सटर्नल चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार है.

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इस दौरे के दौरान जनरल मुनीर को सेना की अभियानगत तैयारियों और युद्ध क्षमता मजबूत करने की प्रमुख पहलों के बारे में ब्रिफिंग दी गई. उन्होंने अधिकारियों और सैनिकों से बातचीत की और उनके ऊंचे हौंसले और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अटूट प्रतिबद्धता की सराहना की.

कठोर और मिशन-केंद्रित प्रशिक्षण के महत्व पर जोर

जनरल मुनीर ने एक फील्ड ट्रेनिंग एक्सरसाइज और एडवांस्ड सिम्युलेटर ट्रेनिंग फैसिलिटी का भी निरीक्षण किया. उन्होंने फॉर्मेशन के ऊंचे प्रोफेशनल स्टैंडर्ड्स और समग्र तैयारी की स्थिति की तारीफ की. आधुनिक युद्ध के बारे में बोलते हुए जनरल मुनीर ने कहा कि आज के युद्ध में तेजी, सटीकता, स्थिति की पूरी जानकारी और तेज फैसले लेने की क्षमता बहुत जरूरी है. उन्होंने तकनीकी बदलावों को अपनाने के महत्व पर भी जोर दिया.

भारत के साथ तनाव के बीच मुनीर का बयान

मुनीर का यह दौरा और बयान ऐसे समय में आया है जब भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव का माहौल है. 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 नागरिक मारे गए थे. इसके जवाब में भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था. पाकिस्तान और (PoK) में आतंकी ठिकानों पर हमले करके बर्बाद कर दिए. इन हमलों के बाद चार दिन तक दोनों तरफ से तीखी झड़पें हुईं, जो 10 मई को सैन्य कार्रवाई रोकने की आपसी सहमति के बाद बंद हुई.

पाकिस्तान में आंतरिक चुनौतियों के तौर पर प्रतिबंधित संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) को सरकार ने 'फितना अल-खवारिज' नाम दिया है, जो इस्लामिक इतिहास में हिंसा करने वाले एक समूह की सोच है. जनरल मुनीर का यह दौरा भारतीय सीमा के नजदीक होने की वजह से और भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है.